पुणे में पुल दुर्घटना स्थल पर पुलिस का तलाश अभियान जारी

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 16-06-2025
Police search operation continues at bridge collapse site in Pune
Police search operation continues at bridge collapse site in Pune

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
महाराष्ट्र के पुणे जिले में इंद्रायणी नदी पर बना लोहे का एक पुल ढहने की घटना के बाद सोमवार को पुलिस ने खोज एवं बचाव अभियान जारी रखा, जबकि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने अपना अभियान समाप्त कर दिया.
 
पुणे के मावल तहसील में इंद्रायणी नदी पर बना लोहे का एक पुल रविवार दोपहर ढह जाने से चार लोगों की मौत हो गई और 18 अन्य गंभीर रुप से घायल हो गये. एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने बताया, “जिला प्रशासन के निर्देश के अनुसार सभी लापता व्यक्तियों की पहचान हो चुकी है, इसलिए हमने खोज अभियान समाप्त कर दिया है. प्राधिकारियों के मुताबिक, पुल पर भारी भीड़ जमा हो गई थी और पर्यटकों ने चेतावनी बोर्ड की अनदेखी की, जिससे यह हादसा हुआ.
 
अधिकारियों के अनुसार, रविवार को दोपहर बाद करीब साढ़े तीन बजे पुल ढहने की दुर्घटना हुई. इस दौरान 100 से अधिक लोग पुल पर मौजूद थे. यह इलाका पर्यटकों और पिकनिक मनाने वालों के बीच लोकप्रिय है. हाल के दिनों में भारी बारिश के कारण इंद्रायणी नदी में जलस्तर बढ़ गया था. तलेगांव दाभाड़े पुलिस थाने के वरिष्ठ निरीक्षक प्रदीप रायनवार ने बताया, “हालांकि अब किसी के लापता होने की संभावना नहीं है, लेकिन एहतियात के तौर पर स्थानीय बचाव दल - वन्यजीव रक्षक मावल संस्था और शिवदुर्ग ट्रेकर्स की मदद से पुलिस ने खोज अभियान जारी रखा हुआ है.
 
उन्होंने बताया कि हादसे के दौरान पांच मोटरसाइकिलें भी नदी में गिर गई थीं, जिनके मालिकों की पहचान कर ली गई है और वे अस्पताल में उपचाराधीन हैं. अधिकारी ने कहा कि रविवार को भी पुलिसकर्मी पुल के पास तैनात थे. उन्होंने कहा, “दुर्भाग्यवश, इन क्षेत्रों में आने वाले लोग पुलिस और स्थानीय लोगों की चेतावनी को नजरअंदाज कर अपनी जान जोखिम में डालते हैं. जिला प्रशासन ने रविवार को बताया था कि कुल 51 लोगों को बचा लिया गया, जिनमें से 18 गंभीर रूप से घायल हैं और तीन अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं, जबकि चार लोगों की मौत हो गई.
 
पुणे के जिलाधिकारी जितेंद्र डूडी ने बताया कि यह पुल पहले ही असुरक्षित घोषित किया जा चुका था, लेकिन इसके बावजूद करीब 100 लोग इस पर मौजूद थे और ज्यादातर लोग सेल्फी लेने में व्यस्त थे. उन्होंने कहा, “स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई चूक हुई या नहीं, इसकी जांच के लिए एक समिति गठित की जाएगी। यह घटना चेतावनी बोर्ड और भीड़ पर रोक के आदेश के बावजूद हुई है. डूडी ने बताया कि पुल को वाहनों के आवागमन के लिए अनुपयुक्त घोषित किया गया था और वाहनों के लिए एक नया ढांचा प्रस्तावित किया गया था.
 
महाराष्ट्र के आपदा प्रबंधन मंत्री गिरीश महाजन ने भी रविवार को घटनास्थल पर पहुंचकर राहत कार्यों की निगरानी की. महाजन ने संवाददाताओं से कहा, “यह पुल केवल पैदल चलने वालों के लिए था और उस पर स्पष्ट चेतावनी बोर्ड लगा हुआ था कि दोपहिया वाहनों का उपयोग प्रतिबंधित है, लेकिन लोगों ने इन निर्देशों की अनदेखी की, जिससे यह हादसा हुआ.