आजम खान को राहत: वक्फ संपत्ति बेदखली मामले में अंतिम आदेश पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की रोक

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 18-06-2025
Relief to Azam Khan: Allahabad High Court stays final order in Waqf property eviction case
Relief to Azam Khan: Allahabad High Court stays final order in Waqf property eviction case

 

प्रयागराज

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद आजम खान समेत कई अन्य आरोपियों के खिलाफ दर्ज वक्फ संपत्ति से जबरन बेदखली के 12 मामलों में चल रहे समेकित मुकदमे में अंतिम आदेश पारित करने पर रोक लगा दी है।

यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश पाठक ने सह-आरोपी मोहम्मद इस्लाम उर्फ इस्लाम ठेकेदार और अन्य द्वारा दाखिल याचिका पर पारित किया। अदालत ने स्पष्ट किया कि अधीनस्थ अदालत में सुनवाई जारी रहेगी, लेकिन 3 जुलाई 2025 को अगली सुनवाई तक कोई अंतिम निर्णय नहीं सुनाया जाएगा।

यह मामला 15 अक्टूबर 2016 को कथित तौर पर वक्फ संख्या 157 (यतीम खाना) नामक संपत्ति पर बने अवैध ढांचे को गिराने की घटना से जुड़ा है। इस सिलसिले में 2019 और 2020 के बीच रामपुर के कोतवाली थाने में 12 प्राथमिकियां दर्ज की गई थीं। पहले इन एफआईआर पर अलग-अलग मुकदमे चल रहे थे, जिन्हें 8 अगस्त 2024 को विशेष न्यायाधीश (सांसद-विधायक), रामपुर द्वारा एक ही मुकदमे में समाहित कर दिया गया।

आरोपियों पर तत्कालीन भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं के तहत डकैती, अवैध घुसपैठ और आपराधिक षड्यंत्र जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

11 जून को याचिकाकर्ताओं के वकील की दलीलें सुनने के बाद, हाईकोर्ट ने कहा कि अधीनस्थ अदालत मुकदमे को जून के भीतर ही निपटाने के लिए उतावली दिख रही है, जिससे न्यायिक निष्पक्षता पर सवाल उठते हैं।

इस मामले में आजम खान और उनके सहयोगी वीरेंद्र गोयल द्वारा दायर एक अन्य याचिका पर बुधवार (18 जून) को सुनवाई होनी है। इस याचिका में 30 मई 2025 के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जफर अहमद फारुकी समेत प्रमुख गवाहों को बुलाने और 2016 की घटना का वीडियोग्राफिक साक्ष्य पेश करने का अनुरोध खारिज कर दिया गया था।

याचिकाकर्ताओं का कहना है कि ये साक्ष्य फारुकी की उस समय घटनास्थल पर मौजूद न होने की पुष्टि कर सकते हैं, जिससे मामले में सच्चाई सामने लाई जा सकती है।