Chief Minister Yogi Adityanath will inaugurate Gorakhpur Link Expressway on June 20
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 20 जून को गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करेंगे। मंगलवार को यहां जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गयी.
बयान में कहा गया कि गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे केवल रफ्तार के साथ आवागमन सुगमता का ही माध्यम नहीं बनेगा, बल्कि इस एक्सप्रेसवे पर सड़क व यात्री सुरक्षा के भी बेहतर इंतजाम रहेंगे. यात्री सुरक्षा के लिहाज से गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के लोकार्पण के दिन 20 जून को मुख्यमंत्री सुरक्षा फ्लीट को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे. जबकि आने वाले दिनों में सड़क सुरक्षा के लिए यहां लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे की तर्ज पर एटीएमएस (एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) भी लागू किया जाएगा.
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) द्वारा बनवाए गए गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर यात्री सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री जिस सुरक्षा फ्लीट की शुरुआत करेंगे, उसमें पांच इनोवा, पांच कैम्पर, चार एम्बुलेंस, दो क्रेन और एक हाइड्रा वाहन शामिल हैं. यूपीडा के नोडल सुरक्षा अधिकारी राजेश पांडेय ने बताया कि यूपीडा के इनोवा वाहन की पैट्रोलिंग आठ-आठ घंटे की पाली में लगातार होती रहेगी. हर वाहन में चार सेवानिवृत्त सैनिकों की ड्यूटी रहेगी. कैम्पर वाहन पीछे से खुले रहते हैं और इसमें ट्रैफिक कोन, रस्सी, रेडियम स्ट्रिप आदि की उपलब्धता रहती है. किसी स्थान पर किसी वाहन के खराब होने पर या दुर्घटना होने पर ये वाहन तुरंत जाकर ट्रैफिक कोन, रस्सी और रेडियम स्ट्रिप से कवर कर देंगे ताकि अन्य वाहनों को कोई दिक्कत न हो.
इसके अलावा 91 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे पर हर 45 किलोमीटर (किमी) पर मार्ग के दोनों तरफ एक-एक एम्बुलेंस की तैनाती रहेगी ताकि आकस्मिक चिकित्सकीय जरुरत यात्रियों को तत्परता से अस्पताल भेजा जा सके. किसी वाहन में अचानक खराबी आने पर उसे सड़क से हटाने के लिए हर 45 किमी पर क्रेन और पूरे एक्सप्रेसवे के लिए एक हाइड्रा वाहन को तैनात किया जाएगा.
यात्री और मध्यम मालवाहक वाहनों को क्रेन से और बड़े मालवाहक वाहनों को सड़क से नजदीक के चैनेज से उतार दिया जाएगा क्योंकि नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के दिशानिर्देश के मुताबिक एक्सप्रेसवे पर खराब वाहनों को खड़ा नहीं किया जा सकता.
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर आने वाले समय में एटीएमएस भी लागू करने की तैयारी है. इस प्रणाली के तहत एक्सप्रेसवे पर हर पांच किमी पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाते हैं। इसकी मॉनिटरिंग कंट्रोल रूम से की जाती है. इसके अलावा एटीएमएस में रफ्तार सीमा का उल्लंघन करने वाले वाहनों पर नजर रखने के स्पीड कैमरे और एनपीआर (नम्बर प्लेट रीडर) की व्यवस्था भी होती है. एक्सप्रेसवे पर रफ्तार सीमा का उल्लंघन करने वाले वाहनों की तत्काल जानकारी संबंधित जिले के एआरटीओ के पास चली जाती है.