श्रीनगर
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को बताया कि ईरान में फंसे केंद्र शासित प्रदेश के छात्रों को सुरक्षित निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। छात्रों को पहले आर्मेनिया पहुंचाया जाएगा, जहां से उन्हें भारत वापस लाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि वे लगातार विदेश मंत्रालय के संपर्क में हैं और इस संबंध में उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी बात की है। जयशंकर ने आश्वासन दिया है कि जिन क्षेत्रों में खतरा अधिक है, विशेषकर तेहरान और इस्फहान, वहां से छात्रों को प्राथमिकता के आधार पर निकाला जाएगा।
अब्दुल्ला ने बताया, "पहले योजना थी कि छात्रों को अपेक्षाकृत सुरक्षित क्षेत्र क़ुम स्थानांतरित किया जाए, लेकिन ईरान में हवाईअड्डों और बंदरगाहों के बंद होने के कारण अब उन्हें भूमि मार्ग से आर्मेनिया ले जाया जा रहा है। वहां से उनके भारत वापसी की व्यवस्था की जाएगी।"
सरकार की यह पहल ईरान में जारी अस्थिर हालात के बीच कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है।