आवाज- द वॉयस/ मुंबई
26 नवंबर, 2021 को मुंबई हमलों की बरसी पर, महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के उलेमाओं ने इसकी कड़ी निंदा की और हमले में शहीद हुए पुलिस अधिकारियों और अधिकारियों को श्रद्धांजलि दी. गौरतलब है कि 13 साल पहले देश की औद्योगिक राजधानी मुंबई में कई जगहों पर आतंकवादी हमले हुए थे जिसमें कम से कम 166 लोग मारे गए थे और 293 घायल हुए थे. हमले में 18 सुरक्षाकर्मी भी मारे गए.
मौलाना दरियाबादी, देवबंद ने इस मौके पर कहा “हम मुंबई आतंकी हमलों में शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों और अधिकारियों को श्रद्धांजलि देते हैं. उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए हमें उनके बलिदान पर गर्व है. देश के सभी नागरिकों को उनके बलिदान पर गर्व है.”
उन्होंने कहा, "हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि देश के लिए हमें जो भी कुर्बानी देनी होगी, उसके लिए हम हमेशा तैयार रहेंगे." उन्होंने कहा, “हम देश के मुखिया को झुकने नहीं देंगे. और हम उनका सहयोग करें जो देश की रक्षा कर रहे हैं और देश की जिम्मेदारी निभा रहे हैं. अदालत ने आतंकवादी अजमल कसाब के साथ न्याय किया और दोषी पाए जाने पर उसे फांसी पर लटका दिया गया. याद रखें कि इस देश को भाईचारे की जरूरत है. हम सभी लोगों से भाईचारे को बढ़ावा देने और देश को मजबूत करने का आह्वान करते हैं.”
गोरेगाव के मौलाना जिया ने कहा, “पाकिस्तानियों ने जिस तरह से मुंबई पर आतंकी हमले किए हैं, वह बेहद दर्दनाक है, यह घटना हम भारतीयों को झकझोर देती है. खासकर मुंबईकरों के दिलों में पिछले 13 साल से जो दर्द है वह कम नहीं हो रहा है.”
मौलाना जिया ने आगे कहा, “इस घटना के लिए पाकिस्तानियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और उन्हें सबक सिखाया जाना चाहिए.”
जामिया मस्जिद मुंबई के मौलाना शोएब खान खतीब ने कहा, “हम पाकिस्तान के हमले की निंदा करते हैं और हम पाकिस्तानियों की भी निंदा करते हैं और हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि इस देश को ऐसी आपदा से बचाएं.”
हज़रत मौलाना मोईन मियां सूफ़ी बरेलवी ने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए पाकिस्तान को आड़े हाथो लिया और कहा, “हम पाकिस्तान द्वारा मुंबई पर आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हैं और संयुक्त राष्ट्र से पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित करने का आह्वान करते हैं. आतंकवादी हाफिज सईद को सार्वजनिक रूप से फांसी दी जानी चाहिए. हम उन अधिकारियों को श्रद्धांजलि देते हैं जिन्होंने इस देश और इस शहर की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी और हम उनके परिवारों के लिए प्रार्थना करते हैं.”
इन विद्वानों द्वारा निंदा के अलावा सूफी इस्लामिक बोर्ड द्वारा भी इसकी कड़ी निंदा की गई है.सूफी इस्लामिक बोर्ड ने ट्वीट किया कि हम मुंबई पुलिस और एनएसजी के वीरों को याद करते हैं जिन्होंने देश और उसके नागरिकों की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी.