आवाज द वाॅयस/नई दिल्ली
भारत के प्रतिष्ठित इस्लामी धर्मगुरु और ग्रैंड मुफ्ती शेख अबुबकर अहमद ने देश में आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की खुलकर सराहना की है.उन्होंने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक औपचारिक पत्र लिखकर न केवल सरकार के साहसिक और सिद्धांत आधारित रुख की सराहना की, बल्कि देश के नागरिकों से भी एकजुट होकर इन राष्ट्रीय प्रयासों का समर्थन करने की अपील की है.
भारत की एकता और शांति के लिए दुआ
ग्रैंड मुफ्ती ने अपने पत्र की शुरुआत भारत की स्थायी शांति, प्रगति और एकता के लिए दुआओं के साथ की। उन्होंने कहा:“मैं अपने प्रिय राष्ट्र की निरंतर शांति, प्रगति और एकता के लिए हार्दिक शुभकामनाएं और प्रार्थना करता हूं.”
आतंकवाद के विरुद्ध भारत के कड़े कदमों का समर्थन
अपने पत्र में शेख अबुबकर अहमद ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के संदर्भ में लिखा कि यह एक ऐसा मोड़ है, जहां देश को एकजुट होकर आतंकवाद और उग्रवाद का सामना करना होगा.
उन्होंने लिखा:“इस महत्वपूर्ण मोड़ पर, जब हमारा देश आतंकवाद और उग्रवाद के खतरे का डटकर सामना कर रहा है, मैं भारत सरकार द्वारा अपनाए गए मजबूत और सैद्धांतिक रुख और राष्ट्र की संप्रभुता, एकता और सुरक्षा की रक्षा में हमारे सशस्त्र बलों के साहसी प्रयासों के प्रति अपना स्पष्ट समर्थन व्यक्त करता हूं.”
ഇന്ത്യക്കും പാകിസ്ഥാനുമിടയിലെ നിലവിലെ സംഘർഷാവസ്ഥ കൂടുതൽ സങ്കീർണമായി നിരപരാധികളായ മനുഷ്യരുടെ ജീവിതവും ഇന്ത്യയിലെ സ്വസ്ഥ സാമൂഹികാന്തരീക്ഷവും നഷ്ടപ്പെടാതിരിക്കാനും സമാധാനം പുലരുന്നതിനും ഇന്ന് ജുമുഅക്ക് ശേഷം പള്ളികളിൽ പ്രാർഥന നടത്തണം. തീവ്രവാദത്തിനും ഭീകരവാദത്തിനുമെതിരായ ഇന്ത്യയുടെ…
— Sheikh Abubakr Ahmad الشيخ أبوبكر أحمد (@shkaboobacker) May 9, 2025
कश्मीर जैसे अशांत क्षेत्रों में उठाए गए कदमों की सराहना
ग्रैंड मुफ्ती ने विशेष रूप से कश्मीर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में आतंकवादी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए उठाए गए उपायों की प्रशंसा की.उन्होंने कहा कि भारत सरकार का यह रुख न केवल राष्ट्रीय अखंडता के लिए जरूरी है, बल्कि यह वैश्विक शांति और मानवीय गरिमा के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है.
“निर्दोष लोगों की रक्षा करना और न्याय व मानवता के मूल्यों को बनाए रखना सरकार की गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.”
दक्षिण एशिया में भारत की भूमिका को बताया परिवर्तनकारी
उन्होंने यह विश्वास भी जताया कि भारत का रणनीतिक हस्तक्षेप और कूटनीतिक नेतृत्व दक्षिण एशिया में कट्टरपंथी विचारधाराओं को चुनौती देने और शांति को बढ़ावा देने में परिवर्तनकारी भूमिका निभा सकता है.“सैद्धांतिक कूटनीति, दृढ़ संकल्प और समावेशी प्रयासों के माध्यम से हमारा राष्ट्र इस अशांत दुनिया में स्थिरता के प्रतीक के रूप में उभर सकता है.”
सभी नागरिकों से एकजुट होने की अपील
शेख अबुबकर अहमद ने देशवासियों से आह्वान किया कि वे धर्म, जाति या पृष्ठभूमि से परे जाकर राष्ट्रीय मूल्यों की रक्षा में एकजुट हों.“हम सभी को, चाहे किसी भी धर्म या पृष्ठभूमि के हों, उन मूल्यों के संरक्षक के रूप में कार्य करना चाहिए जो हमें एक विविध लेकिन सामंजस्यपूर्ण राष्ट्र के रूप में बांधते हैं।”
संदर्भ: ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमला
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में आतंकवादियों ने 26निर्दोष नागरिकों की हत्या कर दी थी.इस नृशंस हमले के जवाब में भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सीमा पार जाकर पाकिस्तान स्थित 9 आतंकी शिविरों को नेस्तनाबूत कर दिया था.इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच 48घंटे से जबरदस्त तनाव बना हुआ है.
ग्रैंड मुफ्ती शेख अबुबकर अहमद का यह पत्र न केवल भारत के सुरक्षाबलों और सरकार के प्रयासों का समर्थन है, बल्कि यह कट्टरपंथी ताकतों के खिलाफ भारत में मौजूद समाज के सभी वर्गों की एकता और साझा दृष्टिकोण को भी उजागर करता है.जब एक धर्मगुरु देश की सुरक्षा और शांति के लिए खड़े होते हैं, तो यह देश की आत्मा और उसकी विविधता की ताकत को दर्शाता है.