गुवाहाटी (असम)
बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल (BTC) के मुख्य कार्यकारी सदस्य (CEM) प्रमोद बोरों ने 2020 में हुए बोडो शांति समझौते के बाद क्षेत्र में आए सकारात्मक बदलाव और विकास पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि दशकों से बोडोलैंड हिंसा, अस्थिरता और विभिन्न समूहों व समुदायों के आंदोलनों का केंद्र बना रहा था।
प्रमोद बोरों ने कहा, "दशकों से बोडोलैंड ने हिंसा, हत्याएं और अशांति देखी है। यहां कई अलग-अलग संगठनों और समुदायों के आंदोलन हुए। लोगों की वर्षों पुरानी प्रार्थना थी कि बोडोलैंड में बदलाव आए।"
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार, असम सरकार और विभिन्न बोडो संगठनों के बीच 2020 में हुआ समझौता इस बदलाव का अहम मोड़ बना।
उन्होंने कहा, "2020 के समझौते के बाद बोडोलैंड के लोग स्थायी शांति, विकास और प्रगति की कल्पना कर पाए। हमें काउंसिल चलाने का मौका मिला। हमारा उद्देश्य शांति को बनाए रखना, खोया हुआ विश्वास लौटाना और लोगों के जीवन में फिर से खुशियां लाना था।"
बोरों ने यह भी बताया कि अब बोडोलैंड में एकता और समावेशिता की भावना पनप रही है। उन्होंने कहा, "आज 26 समुदाय एक साथ आ रहे हैं... मुझे उम्मीद है कि यह परिवर्तन बोडोलैंड में एक नई सुबह लेकर आएगा, जहां हर कोने में विकास दिखाई देगा।"
इस बीच, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने रविवार को गुवाहाटी स्थित श्रीमंत शंकरदेव कालाक्षेत्र में बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल की पहल 'बोडोलैंड स्पीक्स: फ्रॉम विजन टू एक्शन' का उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम बोडोलैंड हैप्पीनेस मिशन के अंतर्गत आयोजित किया गया था।
मुख्यमंत्री सरमा ने इस अवसर पर BTR कम्युनिकेशन ब्रिज (18 भाषाओं में 1001 शब्द और 1001 वाक्यांशों का संग्रह), Transforming Bodoland: A Journey of Change in BTR, प्रमोद बोरों द्वारा लिखित पुस्तक Lookin' Within: My Reflections, और बोडोलैंड हैप्पीनेस मिशन की वार्षिक रिपोर्ट (2024-25) का भी लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री ने 18 विशिष्ट व्यक्तियों को बोडोलैंड लाइफटाइम अचीवर्स अवार्ड से सम्मानित किया, जिन्होंने बीटीआर की लोकसंस्कृति को समृद्ध करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
मुख्यमंत्री सरमा ने बोडोलैंड हैप्पीनेस मिशन की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह पहल पिछले पांच वर्षों में BTR में स्थापित हुई शांति और स्थिरता को मजबूत करने की दिशा में एक बेहतरीन प्रयास है। उन्होंने कहा कि यह मिशन बीटीआर क्षेत्र में खुशहाली को बढ़ावा देने में काफी सफल रहा है।
उन्होंने बताया कि 1968 से पहले के बोडोलैंड की स्थिति काफी विपरीत थी—जहां हिंसा, उथल-पुथल और भय का वातावरण था। बोडो समुदाय की आत्मनिर्णय की मांग और अन्य समुदायों में इससे पैदा हुए डर ने बोडोलैंड को वर्षों तक अस्थिर क्षेत्र बनाए रखा।
अब जब बीटीआर क्षेत्र में शांति स्थापित हो चुकी है, तो सरकार और समुदाय मिलकर विकास और समरसता की दिशा में नए अध्याय लिख रहे हैं।