चेन्नई
ईरान-इज़राइल युद्ध के चलते ईरान में फंसे तमिलनाडु के 15 मछुआरे सुरक्षित चेन्नई लौट आए हैं। चेन्नई हवाई अड्डे पर तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष नैनार नागेन्द्रन ने उनका स्वागत किया और इस अभियान से जुड़ी जानकारी मीडिया को दी।
नागेन्द्रन ने बताया कि ये मछुआरे सिवगंगई और उवारी क्षेत्र के तटीय गांवों से थे और गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के लिए ईरान गए थे। लेकिन पश्चिम एशिया में युद्ध की स्थिति के चलते न तो वे काम कर सके और न ही सुरक्षित घर लौट पा रहे थे।
उन्होंने कहा, "जैसे ही हमें उनकी स्थिति की जानकारी मिली, मैंने तुरंत विदेश मंत्री से संपर्क किया। ईरान के एक द्वीप पर फंसे मछुआरों के लिए आपातकालीन खाद्य सहायता की व्यवस्था की गई। अब एक और द्वीप से बाकी मछुआरों को सुरक्षित निकालने के प्रयास जारी हैं।"
चूंकि ईरान से भारत के लिए सीधी उड़ानें संभव नहीं थीं, इसलिए इन मछुआरों को पहले समुद्री रास्ते से दुबई लाया गया, वहां से दिल्ली और फिर चेन्नई पहुंचाया गया। नागेन्द्रन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्रालय का आभार जताया और बताया कि इस पूरे राहत अभियान की लागत तमिलनाडु भाजपा ने उठाई।
मछुआरों की आपबीती:
उवारी के अजीत ने बताया, "जंग के कारण हम काम नहीं कर सके। खाना भी नहीं मिल रहा था। हमने नागेन्द्रन सर से संपर्क किया, और उन्होंने हमारी वापसी की व्यवस्था की।"
एक अन्य मछुआरे ऐंटो ने कहा, "हम फरवरी में ईरान गए थे, लेकिन दो महीने से मछली पकड़ना बंद था। हमने भाजपा नेताओं को जानकारी दी तो उन्होंने तुरंत हमारे लिए भोजन और ठहरने की व्यवस्था की। तमिलनाडु सरकार के किसी अधिकारी ने हमसे संपर्क तक नहीं किया। हमारी टोली के 15 लोग लौट आए हैं, लेकिन एक और समूह अभी भी फंसा हुआ है।"
तिरुनेलवेली के मणि ने कहा, "हम युद्ध क्षेत्र में फंस गए थे। GPS उपकरण नहीं थे और नाव के मालिक ने कोई मदद नहीं की। हम 13 जून से नाव में फंसे थे। नागेन्द्रन ही थे जिन्होंने हमारी गुहार के एक हफ्ते के भीतर मदद की। हमें कोई मजदूरी नहीं मिली। मानसिक पीड़ा आज भी है, लेकिन अब पत्नी और बच्चों से मिलकर राहत मिलेगी। नागेन्द्रन ने तो हमें भगवान की तरह बचाया।"
तमिलनाडु भाजपा ने आश्वासन दिया है कि बाकी मछुआरों को भी जल्द से जल्द सुरक्षित वापस लाया जाएगा।
विजय पर नागेन्द्रन का बयान:
नागेन्द्रन ने अभिनेता विजय के हालिया बयान पर भी प्रतिक्रिया दी जिसमें उन्होंने कहा था कि वह किसी राजनीतिक दल से गठबंधन नहीं करेंगे। नागेन्द्रन ने कहा, "विजय भले ही अकेले खड़े होने की बात करें, लेकिन हमारा साझा लक्ष्य है- डीएमके को सत्ता से हटाना। इसी उद्देश्य के आधार पर मैंने एकता का सुझाव दिया था।"
उन्होंने आगे कहा, "जब से भाजपा और अन्नाद्रमुक एनडीए के तहत फिर से एक हुए हैं, डीएमके नेता घबराए हुए हैं। इसी वजह से वे 'बी-टीम' का नैरेटिव फैलाते हैं। यही बात उन्होंने टीवीके प्रमुख विजय और एमएनएम प्रमुख कमल हासन के बारे में भी कही थी। लेकिन अब कमल डीएमके के साथ हैं और उनकी पार्टी से सांसद भी हैं।"
नागेन्द्रन ने स्पष्ट किया कि विधानसभा चुनाव में अभी 10 महीने बचे हैं, ऐसे में रणनीतियां और गठबंधन में बदलाव हो सकते हैं।