Indian Ports Bill, 2025 passed in Lok Sabha amid opposition sloganeering on SIR issue
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
लोकसभा में मंगलवार को भारतीय पत्तन विधेयक, 2025 को संक्षिप्त चर्चा के बाद विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच पारित कर दिया गया तथा केंद्रीय पत्तन परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि यह विधेयक 21वीं सदी में भारत के समुद्री क्षेत्र को पुन: स्थापित करने का एक रणनीतिक प्रयास है.
यह विधेयक बजट सत्र के दौरान 28 मार्च को पेश किया गया था जिसमें बंदरगाहों से संबंधित कानून को समेकित करने, एकीकृत बंदरगाह विकास को बढ़ावा देने, व्यापार को आसान बनाने और भारत की तटरेखा का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने संबंधी प्रावधान हैं.
इस विधेयक को 1908 के अधिनियम की जगह लेने के लिए लाया गया है और इसके तहत एक समुद्री राज्य विकास परिषद (एमएसडीसी) स्थापित किया जाएगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस विधेयक को फरवरी में मंजूरी प्रदान की थी.
मंत्री ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच, विधेयक पर सदन में हुई संक्षिप्त चर्चा का जवाब देते हुए कहा, ‘‘भारतीय पत्तन विधेयक, 2025 इक्कीसवीं सदी में भारत के समुद्री क्षेत्र को पुन: स्थापित करने का एक रणनीतिक प्रयास है.
इससे पहले, चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के दिलीप सैकिया ने एसआईआर मुद्दे पर सदन में नारेबाजी कर रहे विपक्षी सदस्यों से कहा कि वह पूर्वोत्तर के विषय पर बोल रहे हैं, इसलिए उनकी बात को वे गौर से सुनें.
उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर भारत को इस मंत्रालय के माध्यम से आज जो महत्व मिल रहा है, उससे बांग्लादेश, म्यांमा, भूटान और नेपाल के साथ व्यापार का एक नया द्वार खुल गया है.
भाजपा के दर्शन सिंह चौधरी ने कहा कि विधेयक में विवाद निवारण कमेटी की व्यवस्था की गई है और छह महीने में समाधान के प्रावधान को शामिल किया गया है.
तेलुगु देशम पार्टी के एम श्री भरत ने भी चर्चा में भाग लेते हुए विधेयक का समर्थन किया.