असम
पूर्व सैनिकों के कल्याण के प्रति अपनी स्थायी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, भारतीय सेना ने ऊपरी असम के लेखापानी, डिगबोई और रुपई में कई कार्यक्रम आयोजित किए। ये पहल पूर्व सैनिकों और वीर नारियों की निःस्वार्थ सेवा को सच्ची श्रद्धांजलि हैं और उनके महत्वपूर्ण जरूरतों एवं चिंताओं को संबोधित करती हैं।
लेखापानी कार्यक्रम
यहाँ पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को एक साथ लाया गया, जहाँ चिकित्सा एवं दंत चिकित्सा शिविर, शिकायत निवारण केंद्र और दैनिक आवश्यक वस्तुओं के स्टॉल लगाए गए। मौके पर स्वास्थ्य जांच, दंत परामर्श, सलाह और दवाइयाँ उपलब्ध कराई गईं। असम राइफल्स के उन पूर्व सैनिकों के साथ विशेष संवाद भी हुआ, जिनके पास एक्स-सर्विसमेन कॉन्ट्रिब्यूटरी हेल्थ स्कीम (ECHS) कार्ड नहीं थे; उन्हें इसके लाभ बताए गए और जल्द से जल्द कार्ड बनवाने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
डिगबोई और रुपई कार्यक्रम
यहाँ के आयोजनों में पूर्व सैनिकों के साथ वीर नारियों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया, जो सैन्य बिरादरी की एकजुटता का प्रतीक है। सभी स्थलों पर एक हेल्प डेस्क (सूचना केंद्र) लगाया गया, जहाँ उपस्थित लोगों को कल्याणकारी योजनाओं—विशेषकर वीर नारियों के लिए—की जानकारी दी गई। साथ ही, पेंशन पेमेंट ऑर्डर (PPO) और सिस्टम फॉर पेंशन एडमिनिस्ट्रेशन (रक्षा) [SPARSH] जैसी दस्तावेजी प्रक्रियाओं में सहायता, पूर्व सैनिकों के लिए रोजगार अवसरों की जानकारी और शिकायतों का समयबद्ध समाधान उपलब्ध कराया गया।
इन कार्यक्रमों ने कार्यरत सैनिकों और पूर्व सैनिकों के बीच नियमित संवाद का मंच भी प्रदान किया, जिससे रचनात्मक सुझाव मिल सके और समर्थन नेटवर्क मजबूत हुआ। पूर्व सैनिकों को नई चिकित्सा योजनाओं की जानकारी दी गई और उनकी तुलना पुरानी योजनाओं से कराई गई, ताकि वे अपने स्वास्थ्य और कल्याण के लिए बेहतर निर्णय ले सकें।
कार्यक्रम में झलकते उत्साह, आपसी सौहार्द और आभार ने इस अटूट बंधन को फिर से रेखांकित किया—“Once a Soldier, Always a Soldier” (एक बार सैनिक, हमेशा सैनिक)।