मलिक असगर हाशमी
चूंकि देश के दुश्मनों को भारत की खुशी बर्दास्त नहीं होती, इसलिए वे जी 20 जैसे शिखर सम्मेलन को भी नहीं बख्श रहे हैं. खासकर पाकिस्तानी मीडिया इसके नुक्स निकालने पर आमादा है. पड़ोसी देश की मीडिया पर आज से दिल्ली में शुरू हो रहे जी 20 शिखर सम्मेलन पर पैनी नजर रखे हुए है.
पाकिस्तान का प्रमुख मीडिया घराना
डान, इसपर लगातार खबरें दे रहा है, वह भी आलोचनात्मक. इसने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है-यूक्रेन पर रूस के हमले, वैश्विक अर्थव्यवस्था पर चिंता और जलवायु परिवर्तन के साये के बीच दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं के नेता दो दिवसीय जी 20 शिखर सम्मेलन के लिए शुक्रवार को भारत पहुंचे.
मेजबान भारत ने एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य का आशावादी नारा गढ़ा है, लेकिन 20 देशों के समूह के नेता मतभेदों और रणनीतिक दोष रेखाओं से त्रस्त हैं.रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग राजधानी नई दिल्ली में 9-10 सितंबर को होने वाले शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेंगे.
डान ने आगे लिखा है-जी20 में 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं, जो वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85 प्रतिशत और दुनिया की दो-तिहाई आबादी बनाते हैं.खबर में इसने यह भी बताया कि इसमें कौन भाग लेगा और कौन नहीं. बताया गया कि 10 महीने में अपनी चैथी भारत यात्रा पर बिडेन के साथ ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन भी होंगी.
वाशिंगटन विकासशील देशों की बेहतर सेवा के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक में सुधार चाहता है. खबर में पुतिन के नहीं आने भी जानकारी दी गई है. खबर में कहा गया है कि मार्च में अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय ने यूक्रेनी बच्चों के गैरकानूनी निर्वासन के लिए युद्ध अपराध के आरोप में पुतिन के लिए गिरफ्तारी वारंट घोषित की है, इसलिए वे रूस से कहीं बाहर नहीं निकल रहे हैं.
हालांकि यह भी कहा गया है कि क्रेमलिन आरोपों से इनकार करते हैं और जोर देकर कहते हैं कि पुतिन के खिलाफ वारंट शून्य है.इस बीच जी 20 में लावरोव रूसी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे जैसा कि उन्होंने पिछले महीने दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में किया था.
बीजिंग ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री ली कियांग चीन के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे, लेकिन इस बात की पुष्टि करते हुए कि शी इस बैठक को अस्वीकार कर देंगे.डान ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया-इस वर्ष शिखर सम्मेलन का महत्व अतिरिक्त हो गया है. कई देश उच्च मुद्रास्फीति और कोविड-19 महामारी से धीमी गति से उबरने से जुड़ी आर्थिक अशांति से जूझ रहे हैं.
चीन, दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, कमजोर उपभोक्ता मांग, बढ़ती युवा बेरोजगारी और महत्वपूर्ण संपत्ति क्षेत्र में संकट सहित प्रतिकूल परिस्थितियों से जूझ रही है.इसका जी 20 मेजबान देश भारत के साथ लंबे समय से चल रहा सीमा विवाद भी है, जिसमें 2020 में एक घातक हिमालयी संघर्ष के कारण राजनयिक संबंध गहरे ठंडे पड़ गए हैं.
भारत इस सप्ताह चीनी सीमा के पास सैन्य अभ्यास कर रहा है जो शिखर सम्मेलन के दौरान भी जारी रहेगा.रिपोर्ट में आगे कहा गया है-दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश जी 20 की अध्यक्षता कर रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारत और खुद को विश्व मंच पर चमकने का अवसर ढूंढ निकाला है.हालांकि, प्रमुख मुद्दों पर प्रमुख शक्तियों के बीच आम सहमति बनाने के लिए उन्हें एक कठिन चुनौती का सामना करना पड़ेगा.
पिछले हफ्ते एक चीनी मानचित्र के बाद नई दिल्ली बीजिंग के साथ फिर से विवादों में है. जिस जमीन पर भारत भी दावा करता है, जिसमें वह क्षेत्र भी शामिल है जहां उन्होंने 2020 में लड़ाई की थी.डान आगे लिखता है-भारत पश्चिमी देशों के साथ भी घनिष्ठ संबंध विकसित करना चाहता है, जिसमें साथी क्वाड सदस्य संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं.
उम्मीद है कि मोदी अफ्रीकी संघ को इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित करके समूह को 21 तक विस्तारित करने के प्रयासों को आगे बढ़ाएंगे. इस कदम का बिडेन ने समर्थन किया है.रिपोर्ट में आगे कहा गया है-जी 20 में जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन यूरोपीय संघ का प्रतिनिधित्व करने वाले नेताओं में से होंगे.
जी 7 के साथी सदस्य ब्रिटेन, कनाडा, जापान और इटली का प्रतिनिधित्व उनके संबंधित प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, जस्टिन ट्रूडो, फुमियो किशिदा और जियोर्जिया मेलोनी करेंगे.एशिया-प्रशांत क्षेत्र से, इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको विडोडो, दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यूं सुक येओल और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज भाग लेंगे.
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन व्यक्तिगत रूप से भाग लेंगे. सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के भी शामिल होने की उम्मीद है.जी20 में एकमात्र अफ्रीकी देश दक्षिण अफ्रीका के एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व राष्ट्रपति सिरिल राम करेंगे.
जी20 शिखर सम्मेलन दिल्ली से गायब झुग्गियां
एक अन्य रिपोर्ट में डान ने न्यूज एजेंसी राॅयटर के हवाले से कहा है-जब नई दिल्ली के जनता कैंप इलाके में एक झुग्गी बस्ती के निवासियों ने सुना कि जी20 शिखर सम्मेलन भारत की राजधानी में उनके घरों से बमुश्किल 500 मीटर की दूरी पर आयोजित किया जाना है, तो उन्हें उम्मीद थी कि इससे उन्हें भी फायदा होगा.इसके बजाय, उन्हें बेघर कर दिया गया.
धर्मेंद्र कुमार, खुशबू देवी और उनके तीन बच्चे दिल्ली भर में उन सैकड़ों लोगों में से हैं जिनके घर पिछले कुछ महीनों में ध्वस्त कर दिए गए .रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संघीय सरकार के अधिकारी, झुग्गियों को विध्वंस कर रहे हैं. हालांकि इस बारे में उनकी दलील है कि उनके घर सरकारी भूमि पर अवैध रूप से बनाए गए थे, जिसे हटाना एक सतत गतिविधि है.
रिपोर्ट में बताया गया कि जनता कैंप जैसी झुग्गियों में मकान वर्षों से पैचवर्क की तरह बने हुए हैं. अधिकांश निवासी आस-पास के क्षेत्रों में मजदूरी करते हैं और दशकों से अपने छोटे घरों में रहते आ रहे हैं.
रिपोर्ट में आगे कहा गया-मई की एक गर्म सुबह बुलडोजरों ने जनता कैंप का दौरा किया और विध्वंस के वीडियो फुटेज में टिन की चादरों से बने अस्थायी घरों को जमीन पर गिराते हुए दिखाया गया. यह इलाका प्रगति मैदान, शिखर सम्मेलन का मुख्य स्थल है.