आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली
बीजिंग में 24 जून को एससीओ की बैठक में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम उठाने पर जोर दिया. एनएसए ने कहा कि भारत और एससीओ के हर सदस्य देश के बीच सदियों पुराना गहरा रिश्ता है, और भारतीय दर्शन ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के तहत सभी देशों के साथ मिलकर समृद्धि की दिशा में काम करेगा.
उन्होंने वैश्विक आतंकवादी संगठनों जैसे लश्कर-ए-तैयबा, जमात-उद-दावा, अल-कायदा और आईएसआईएस के खतरों पर चिंता जताई.एनएसए ने अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए बताया कि भारत ने इस पर प्रतिक्रिया स्वरूप ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, जिसमें आतंकवादी अवसंरचना को नष्ट करने और सीमा पार से आतंकियों की घुसपैठ रोकने के लिए कार्रवाई की गई.
अजित डोभाल ने कहा कि भारत की यह कार्रवाई पूरी तरह संतुलित और गैर-प्रवर्तक थी.एनएसए ने आतंकवाद के खिलाफ दोहरे मानदंड अपनाने की निंदा करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों और उनके प्रॉक्सी नेटवर्क के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाने चाहिए.
उन्होंने सभी प्रकार के आतंकवादी कृत्यों को मानवता के खिलाफ अपराध करार दिया और एससीओ सदस्य देशों से आतंकवाद के आयोजकों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को न्याय के कटघरे में लाने में सहयोग करने का आह्वान किया.
बैठक में एनएसए अजित डोभाल ने भारत के कई प्रस्तावों के लिए भी समर्थन मांगा, जिनमें वैश्विक आतंकवादी संगठनों के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई के लिए एल्गोरिदम, आतंकवाद और उग्रवाद को बढ़ावा देने वाली कट्टरता के खिलाफ कदम और उग्रवादी विचारधारा से निपटने के लिए संयुक्त सूचना अभियानों की योजना शामिल है.
इस बैठक में भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपने दृढ़ रुख को स्पष्ट किया और एससीओ देशों के साथ सहयोग बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई.