The role of states of Central Zone Council is important in achieving the goal of developed India: Shah
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को वाराणसी में मध्य क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक की अध्यक्षता की और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वर्ष 2047 तक विकसित भारत के निर्माण के लक्ष्य को हासिल करने में मध्य क्षेत्रीय परिषद के राज्यों की खासी अहम भूमिका है.
बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भाग लिया। बैठक में सदस्य राज्यों के वरिष्ठ मंत्री, केन्द्रीय गृह सचिव, अंतर-राज्य परिषद सचिवालय के सचिव, सदस्य राज्यों के मुख्य सचिव और राज्यों तथा केन्द्रीय मंत्रालयों एवं विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए. एक आधिकारिक बयान के मुताबिक बैठक में गृह मंत्री, सभी उपस्थित मुख्यमंत्रियों एवं सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दृढ़ इच्छाशक्ति और भारतीय सशस्त्र सेनाओं के पराक्रम के अभिनंदन का प्रस्ताव प्रस्तुत किया जिससे परिषद ने ध्वनिमत से अनुमोदित किया.
शाह ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के 2047 तक विकसित भारत के निर्माण के लक्ष्य को हासिल करने में मध्य क्षेत्रीय परिषद के राज्यों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि मध्य क्षेत्रीय परिषद ही एकमात्र ऐसी परिषद है जहां दो सदस्य राज्यों के बीच किसी प्रकार की कोई समस्या या विवाद नहीं है, यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है.
गृह मंत्री शाह ने कहा कि जहां वर्ष 2004 से 2014 तक क्षेत्रीय परिषद की सिर्फ 11 बैठकें और परिषद की स्थायी समितियों की केवल 14 बैठकें हुई थीं, वहीं 2014-25 में क्षेत्रीय परिषद की 28 बैठकें और स्थायी समितियों की 33 बैठकें हुई हैं। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अब तक इन बैठकों में 1287 मुद्दों का निराकरण किया गया है, जो कि अपने आप में ऐतिहासिक भी है और उत्साह बढ़ाने वाला भी है.
बैठक में गृह मंत्री शाह ने सदस्य राज्यों की ग्राम पंचायतों की आय बढ़ाने और इसके लिए नियम बनाने को भी कहा। उन्होंने कहा कि पंचायतों की आय बढ़ने से ही भारत की त्रिस्तरीय लोकतांत्रिक पंचायती राज व्यवस्था और अधिक कारगर होगी.
बयान के मुताबिक आज की बैठक में राष्ट्रीय महत्व के व्यापक विषयों सहित कुल 19 मुद्दों पर चर्चा हुई। बयान के मुताबिक इनमें महिलाओं और बच्चों के खिलाफ दुष्कर्म के मामलों की त्वरित जांच और इनके शीघ्र निपटारे के लिए त्वरित सुनवायी विशेष अदालतों का कार्यान्वयन, हर गांव के नियत दायरे में ‘ब्रिक-एंड-मोर्टार’ बैंकिंग सुविधा और आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली का कार्यान्वयन जैसे विभिन्न मुद्दे शामिल रहे.