नई दिल्ली
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की व्यापक समीक्षा हेतु भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (ICAR), नई दिल्ली में एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस अभियान का उद्देश्य किसानों की समस्याओं को गहराई से समझना, कृषि उत्पादन बढ़ाना और लागत को कम करना है।
मंत्री ने बताया कि इस ऐतिहासिक अभियान के तहत देशभर में 2,170 से अधिक टीमों ने यात्रा की और 60,000 से ज्यादा गांवों तक पहुंच बनाकर 1.45 करोड़ किसानों से सीधा संवाद किया।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा,
“हमारी 2,170 टीमों ने गांव-गांव जाकर किसानों से बातचीत की। संवाद के दौरान ये स्पष्ट हुआ कि शोध एवं विकास कार्य किसानों की ज़रूरतों के अनुसार होने चाहिए। किसानों को किन कानूनी और तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, इस पर भी गंभीर चर्चा की गई। हमारा लक्ष्य कृषि उत्पादन बढ़ाना, लागत कम करना और किसानों की आमदनी को दोगुना करना है।”
उन्होंने बताया कि अब विशेष फसलों पर केंद्रित चर्चा की जाएगी। 26 जून को इंदौर में सोयाबीन की फसल को लेकर विशेष बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें उत्पादन, लागत और रोग नियंत्रण जैसे मुद्दों पर योजना बनेगी।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस अभियान के तहत सामने आई समस्याओं के आधार पर अब एक “रोडमैप” तैयार किया जा रहा है, जिसमें हर फसल के लिए राज्यवार रणनीति बनेगी।
कृषि मंत्रालय के अनुसार, रबी सीजन के लिए दो दिवसीय सम्मेलन भी प्रस्तावित है — पहले दिन अधिकारियों के साथ चर्चा होगी और दूसरे दिन मंत्री स्वयं योजना को अंतिम रूप देंगे। इसके बाद कपास, गन्ना, दलहन, तिलहन जैसी प्रमुख फसलों पर भी राज्यों के साथ मिलकर फसलवार नीति बनाई जाएगी।
चौहान ने ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ को “स्वतंत्र भारत में ऐतिहासिक आंदोलन” करार दिया और बताया कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘लैब से लैंड’ विज़न से प्रेरित है, जिसमें वैज्ञानिकों को सीधे गांवों से जोड़ा गया।
कृषि मंत्रालय की ओर से जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, मंत्री चौहान ने जैविक खेती, मशीनीकरण, मृदा स्वास्थ्य, तटीय कृषि और पशुपालन पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि भारत को वैश्विक खाद्य टोकरी (Global Food Basket) बनाने की दिशा में अब निर्णायक कदम उठाए जा रहे हैं।
चौहान ने दालें, तिलहन, सोयाबीन, कपास और गन्ना जैसी प्रमुख फसलों पर "क्रॉप वॉर" शुरू करने का सुझाव भी दिया। उन्होंने कहा कि अब फसल और राज्य विशेष योजना, अनुसंधान प्राथमिकता, घटिया इनपुट पर सख्त कार्रवाई और अनुपालन के लिए विशेष टीमें गठित की जाएंगी।
उन्होंने यह भी कहा कि कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs) को सशक्त करने के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति और वैज्ञानिकों की मैदान में अनिवार्य सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी।