नई दिल्ली
दिल्ली सरकार ने घोषणा की है कि पिछले 20 वर्षों में लोक निर्माण विभाग (PWD) और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग (I&FC) से जुड़े सभी ऐसे आर्बिट्रेशन मामलों की समीक्षा की जाएगी जिनकी राशि ₹1 करोड़ से अधिक है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने एक्स (X) पर पोस्ट करते हुए बताया कि इसके लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव (PWD/I&FC) की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है। यह समिति बीते वर्षों की सरकारों के खिलाफ आए फैसलों, चुकाई गई राशियों और उससे हुए नुकसानों की गहन जांच करेगी।
मुख्यमंत्री गुप्ता ने स्पष्ट किया कि यह कदम बारापुल्ला फेज-III परियोजना में पिछली सरकार के दौरान हुई अनियमितताओं और देरी के कारण उठाया गया है। उन्होंने कहा,
"इन अनियमितताओं के चलते दिल्ली को ₹175 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा, जो जनता के पैसों के साथ अन्याय था।"
आगे की नीति पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब दिल्ली सरकार ने निर्णय लिया है कि विकास कार्यों से जुड़े अनुबंधों में आर्बिट्रेशन का प्रावधान नहीं होगा। किसी भी विवाद की स्थिति में मामले का निपटारा सीधे अदालत में किया जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा, "जनता का पैसा केवल जनता के हित में ही खर्च होगा।"
इसी बीच, दिल्ली सरकार ने मंगलवार को साप्ताहिक जनसुनवाई शिविरों को अधिक प्रभावी और सार्थक बनाने के लिए नए आदेश जारी किए। अब इन शिविरों में नामित अधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है। यदि कोई अधिकारी अनुपस्थित रहना चाहता है तो उसे संबंधित जिला मजिस्ट्रेट से पूर्व अनुमति लेनी होगी, अन्यथा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
विभागीय आयुक्त ने इस संबंध में आदेश जारी किया है, जिसकी प्रतियां सभी विभागाध्यक्षों, दिल्ली नगर निगम (MCD), दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA), नई दिल्ली नगर परिषद (NDMC) और दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड को भेजी गई हैं।
इसी दौरान बुधवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने गणेश चतुर्थी के अवसर पर कनॉट प्लेस स्थित गणेश मंदिर में पूजा-अर्चना भी की। उन्होंने कहा कि "मंगलमूर्ति श्री गणपति बुद्धि, विवेक, सफलता और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। जहाँ भी विनायक विराजते हैं, वहाँ सुख, सौभाग्य और मंगल का वास होता है।"
दिल्लीवासियों को बधाई देते हुए उन्होंने प्रार्थना की,"हे गणपति बप्पा, आप दिल्ली के हर आंगन को अपने आशीर्वाद से आलोकित करें और सभी के जीवन में नई सफलताएँ और नई खुशियाँ भर दें। गणपति बप्पा मोरया!"