जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा : फारूक अब्दुल्ला

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 15-08-2025
A strong signature campaign will be launched to get full statehood for Jammu and Kashmir: Farooq
A strong signature campaign will be launched to get full statehood for Jammu and Kashmir: Farooq

 

श्रीनगर

नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा घोषित जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए हस्ताक्षर अभियान पूरे उत्साह और ताक़त के साथ चलाया जाएगा।

स्वतंत्रता दिवस पर बख्शी स्टेडियम में आयोजित समारोह में शामिल होने के बाद पत्रकारों से बातचीत में फारूक अब्दुल्ला ने कहा,“अभियान चलाया जाएगा और यह बेहद जोरदार अभियान होगा।”

यह बयान उन्होंने उस सवाल के जवाब में दिया जिसमें मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा हस्ताक्षर अभियान शुरू करने की घोषणा का जिक्र किया गया था।

यह पहल उच्चतम न्यायालय की हालिया टिप्पणी के बाद सामने आई है, जिसमें कहा गया था कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के फैसले में पहलगाम आतंकी हमले जैसी घटनाओं को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए

भारत के प्रधान न्यायाधीश बी. आर. गवई की अगुवाई वाली पीठ ने कहा था कि राज्य का दर्जा बहाल करते समय जमीनी हकीकत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में ऐलान किया,“आज से अगले आठ सप्ताह तक हम सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में घर-घर जाकर राज्य का दर्जा बहाल करने के समर्थन में हस्ताक्षर अभियान चलाएंगे। अगर लोग दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करने को तैयार नहीं हैं, तो मैं अपनी हार मान लूंगा।”

सवाल पर कि क्या मुख्यमंत्री का यह भाषण एक सख्त संदेश था, फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि यह वाकई एक स्पष्ट और ठोस संदेश है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस समारोह में कई वर्षों बाद शामिल होने पर अपनी भावनाएं साझा करते हुए कहा,“आंखों में आंसू भी थे और दिल में खुशी भी। आंसू इसलिए कि मैं भी कभी यहां मुख्यमंत्री था, हमारे पास अनुच्छेद 370, अनुच्छेद 35ए और राज्य का दर्जा था।”

इस दौरान किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में नेकां अध्यक्ष ने कहा कि मलबे में अब भी 500 से अधिक लोगों के दबे होने की आशंका है।