छत्तीसगढ़ में डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं में बस्तर ने नया मापदंड स्थापित किया: राज्य सरकार

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 11-08-2025
Bastar has set a new benchmark in digital health services in Chhattisgarh: State Government
Bastar has set a new benchmark in digital health services in Chhattisgarh: State Government

 

रायपुर
 
छत्तीसगढ़ का बस्तर संभाग आदिवासी बहुल क्षेत्र में डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के साथ स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन का साक्षी बन रहा है। अधिकारियों ने सोमवार को यह दावा किया।
 
सरकार द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री विश्नुदेव साई बस्तर में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए दृढ़ निश्चय के साथ निरंतर प्रयास कर रहे हैं, जहां आयुष्यमान भारत डिजिटल मिशन, आयुष्यमान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और अगली पीढ़ी की (नेक्सट जेन) ई-अस्पताल प्रणाली का प्रभावी कार्यान्वयन परिवर्तनकारी साबित हो रहा है।
 
इसमें कहा गया है कि यह ‘नेक्स्ट जेन’ ई-अस्पताल प्रणाली बस्तर संभाग के छह जिला अस्पतालों, दो सिविल अस्पतालों समेत बस्तर, कांकेर, कोंडगांव, नारायणपुर, बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जैसे सात जिलों के 41 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में लागू है।
 
यह प्रणाली ओपीडी पंजीकरण, परामर्श, निदान, दवा वितरण और सभी मरीजों से संबंधित चिकित्सा जानकारी को एक डिजिटल मंच पर एकत्रित करती है, जिससे उन्हें बेहतर और समय पर सेवाएं मिलती हैं।
 
विज्ञप्ति में कहा गया है कि डिजिटल प्रौद्योगिकी के एकीकरण से इन अस्पतालों में पारदर्शिता, दक्षता और मरीजों की संतुष्टि में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
 
आयुष्यमान भारत डिजिटल मिशन के तहत संभाग में अस्पतालों के लिए स्वास्थ्य सुविधा पंजीकरण (एचएफआर) और डॉक्टरों व नर्सिंग स्टाफ के लिए स्वास्थ्य पेशेवर पंजीकरण (एचपीआर) पूरा किया जा चुका है। अस्पताल परिसर में आयुष्यमान भारत स्वास्थ्य खाता (आभा) बूथ स्थापित किए गए हैं जिससे मरीजों को अपना स्वास्थ्य खाता बनाने में आसानी हो रही है।
 
‘स्कैन और शेयर’ विशेषता और आभा आईडी-आधारित ऑनलाइन ओपीडी पंजीकरण के कारण मरीजों को लंबी कतारों में खड़ा होने से राहत मिल रही है, जिससे उन्हें त्वरित सेवाएं प्राप्त हो रही हैं।
 
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जयसवाल ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा में ये सुविधाएं केवल डिजिटलिकरण तक सीमित नहीं हैं बल्कि यह एक शक्तिशाली ब्रिज की तरह कार्य करती हैं और ग्रामीण-सुदूर क्षेत्रों को गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाओं से जोड़ती हैं।
 
उन्होंने कहा कि यह पहल न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में बदलाव लाएगी बल्कि ‘स्वस्थ भारत’ के निर्माण में छत्तीसगढ़ का महत्वपूर्ण योगदान भी सुनिश्चित करेगी।