सैफ अली खान: नवाब से अभिनेता तक का सफर

Story by  अर्सला खान | Published by  [email protected] | Date 16-08-2025
Saif Ali Khan: The journey from Nawab to actor
Saif Ali Khan: The journey from Nawab to actor

 

अर्सला खान/नई दिल्ली

हिंदी सिनेमा की दुनिया में सैफ अली खान का नाम बहुमुखी अभिनय, शाही अंदाज़ और लगातार प्रयोग करने की क्षमता के लिए जाना जाता है. 16 अगस्त 1970 को दिल्ली में जन्मे सैफ, पटौदी के नवाब और पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान मंसूर अली खान पटौदी तथा मशहूर अभिनेत्री शर्मिला टैगोर के बेटे हैं.कला और खेल से जुड़ा यह शाही घराना उन्हें विरासत में मिला, लेकिन बॉलीवुड में अपनी जगह बनाने के लिए सैफ ने कठिन संघर्ष किया.
 
शुरुआती सफर

सैफ अली खान ने अपने करियर की शुरुआत 1993 में फिल्म आशिक आवारा से की. फिल्म बॉक्स ऑफिस पर औसत रही लेकिन उनके अभिनय को सराहा गया और उन्हें फिल्मफेयर बेस्ट मेल डेब्यू अवॉर्ड मिला. शुरुआती दौर में उन्हें अक्सर रोमांटिक और हल्के-फुल्के किरदार मिले. यह दिल्लगी (1994) और मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी (1994) जैसी फिल्मों ने उन्हें युवाओं में लोकप्रिय बना दिया.
 
 
 
बदलाव की बयार

90 के दशक के अंत तक सैफ अली खान को उद्योग में सिर्फ “चॉकलेटी हीरो” माना जाता था, लेकिन 2001 में आई दिल चाहता है ने उनके करियर की दिशा ही बदल दी। फरहान अख्तर के निर्देशन में बनी इस फिल्म ने बॉलीवुड में दोस्ती और रिश्तों को नए अंदाज़ में पेश किया. फिल्म में समीर का किरदार निभाकर सैफ ने यह साबित कर दिया कि वे भी गंभीर और प्रभावी अभिनय कर सकते हैं.
 
 
 
रोमांस और कॉमेडी के सितारे

सैफ ने कल हो ना हो (2003) में रोहित पटेल के किरदार से दर्शकों का दिल जीता. फिल्म की सफलता ने उन्हें मुख्यधारा के बड़े सितारों की श्रेणी में ला खड़ा किया. इसके बाद हम तुम (2004) ने तो मानो उनकी किस्मत ही बदल दी. रानी मुखर्जी के साथ उनकी जोड़ी ने धमाल मचा दिया और इस फिल्म के लिए सैफ को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (सर्वश्रेष्ठ अभिनेता) से नवाज़ा गया. सलाम नमस्ते (2005) और लव आज कल (2009) जैसी फिल्मों ने उन्हें नए जमाने का रोमांटिक हीरो बना दिया. इन फिल्मों ने युवाओं के बदलते नजरिए और रिश्तों को आधुनिक अंदाज़ में दिखाया.
 
 
 
गंभीर और खलनायक भूमिकाएं

सैफ अली खान ने खुद को सिर्फ रोमांस तक सीमित नहीं रखा. 2006 में ओंकारा में लंगड़ा त्यागी का किरदार निभाकर उन्होंने आलोचकों और दर्शकों दोनों को चौंका दिया। इस नकारात्मक किरदार के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ समीक्षाएँ मिलीं और यह उनके करियर का सबसे यादगार रोल साबित हुआ. इसके बाद रेस (2008) जैसी थ्रिलर फिल्मों में उनके ग्रे शेड्स वाले किरदार ने उन्हें और भी बहुआयामी बना दिया.
 
 
नए युग का सैफ

2012 में आई कॉकटेल ने सैफ को फिर एक बार शहरी और आधुनिक किरदारों की पहचान दी। हालांकि बीच-बीच में कुछ फिल्में असफल भी रहीं, लेकिन उन्होंने लगातार प्रयोग जारी रखा।
 
 
फिर आया डिजिटल प्लेटफॉर्म का दौर। 2018 में नेटफ्लिक्स की सीरीज सैक्रेड गेम्स ने सैफ अली खान को एक नए अवतार में पेश किया। सरताज सिंह का उनका किरदार बेहद लोकप्रिय हुआ और इस सीरीज ने उन्हें नई पीढ़ी में भी सुपरस्टार बना दिया.
 
 
 
ऐतिहासिक और एक्शन रोल

सैफ ने तान्हाजी: द अनसंग वॉरियर (2020) में उदयभान राठौड़ का खलनायक किरदार निभाकर दर्शकों को फिर से हैरान किया. उनकी अभिनय क्षमता ने साबित किया कि वे किसी भी प्रकार के किरदार को गहराई से निभा सकते हैं. इसके बाद विक्रम वेधा (2022) में उन्होंने पुलिस अफसर का मजबूत और संवेदनशील रोल निभाकर फिर से तारीफें बटोरीं.
 
व्यक्तिगत जीवन

सैफ अली खान का व्यक्तिगत जीवन भी सुर्खियों में रहा है. उन्होंने 1991 में अमृता सिंह से शादी की थी, जिनसे उनके दो बच्चे सारा अली खान और इब्राहिम अली खान हैं. बाद में दोनों का तलाक हो गया. 2012 में उन्होंने अभिनेत्री करीना कपूर से शादी की और अब वे तैमूर और जेह के पिता हैं.
 
 
पुरस्कार और सम्मान

सैफ को राष्ट्रीय पुरस्कार से लेकर कई फिल्मफेयर अवॉर्ड्स तक मिले हैं. वे उन गिने-चुने अभिनेताओं में हैं जिन्होंने रोमांस, कॉमेडी, एक्शन और खलनायक हर रूप में खुद को साबित किया है.