मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय में छात्राओं ने सीखे व्यवसाय के गुर

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 27-08-2025
Girls learnt business skills at Maulana Azad National Urdu University
Girls learnt business skills at Maulana Azad National Urdu University

 

हैदराबाद

मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय (मअनऊउ) में आयोजित महिला उद्यमिता विकास कार्यक्रम (WEDP) सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। यह कार्यक्रम 21 से 25 अगस्त 2025 तक राष्ट्रीय उद्यमिता एवं लघु व्यवसाय विकास संस्थान (NIESBUD) द्वारा कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (MSDE), भारत सरकार और नीति आयोग के सहयोग से आयोजित किया गया था।

यह आयोजन स्वावलंबिनी महिला उद्यमिता कार्यक्रम के पायलट चरण का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य उच्च शिक्षा संस्थानों की छात्राओं को उद्यमिता कौशल, मार्गदर्शन और संसाधनों से सशक्त बनाना है ताकि वे अपने स्वयं के व्यवसाय स्थापित कर सकें और उन्हें आगे बढ़ा सकें।

समापन समारोह को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सैयद ऐनुल हसन ने छात्राओं से उद्यमिता को आत्मनिर्भरता और समाज सेवा का माध्यम बनाने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि जीवन का यह चरण कौशल, आत्मविश्वास और भविष्य के सपनों को गढ़ने का सर्वोत्तम समय है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि युवा छात्राएं अभी से अपने विचारों को व्यवसाय में बदलने का संकल्प लें तो वे न केवल खुद के लिए बल्कि समाज के लिए भी बदलाव की वाहक बन सकती हैं। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रो. इश्तियाक़ अहमद ने इस पहल की सराहना करते हुए NIESBUD, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय और नीति आयोग को बधाई दी और कहा कि इस तरह के कार्यक्रम देश की युवा महिलाओं के लिए उद्यमिता के परिदृश्य को बदल देंगे।

वरिष्ठ परामर्शदाता, NIESBUD की डॉ. यामिनी जायसवाल ने इस कार्यक्रम को भारत की उभरती महिला उद्यमियों के लिए प्रभावशाली और परिवर्तनकारी पहल बताया। उन्होंने कहा कि छात्राओं को जो प्रशिक्षण और प्रेरणा यहाँ मिली है, वह उनके भविष्य के व्यवसायिक सफर की ठोस नींव बनेगी। वहीं स्कूल ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग की डीन प्रो. वनजा ने कहा कि इस कार्यक्रम का असली लक्ष्य छात्राओं को सच्चे अर्थों में स्वावलंबिनी उद्यमी बनाना है। उन्होंने यह भी कहा कि जब महिलाएं आत्मनिर्भर उद्यमी बनती हैं तो पूरा समाज मज़बूत होता है।

पाँच दिवसीय इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में छात्राओं को व्यावसायिक योजना बनाने, वित्तीय साक्षरता, विपणन रणनीतियाँ और डिजिटल टूल्स के प्रयोग की गहन जानकारी दी गई। साथ ही, उन्हें आत्मविश्वास और प्रेरणा से लैस किया गया ताकि वे अपने विचारों को व्यावहारिक उद्यम में बदलने का साहस जुटा सकें। इस आयोजन ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि उच्च शिक्षा संस्थानों की छात्राओं के लिए अब केवल नौकरी ही विकल्प नहीं है, बल्कि वे उद्यमिता की राह पकड़कर खुद भी रोज़गार सृजित कर सकती हैं और दूसरों के लिए भी अवसर उपलब्ध करा सकती हैं।

मअनऊउ परिसर में सम्पन्न यह कार्यक्रम न केवल महिला छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना बल्कि यह विश्वविद्यालय की उस सोच को भी मज़बूती देता है जिसमें शिक्षा का अंतिम लक्ष्य केवल डिग्री नहीं बल्कि आत्मनिर्भरता और नेतृत्व क्षमता का विकास माना गया है।