स्कूल-कॉलेजों में 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य होनी चाहिए: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 26-08-2025
75 percent attendance should be mandatory in schools and colleges: Uttar Pradesh Governor Anandiben Patel
75 percent attendance should be mandatory in schools and colleges: Uttar Pradesh Governor Anandiben Patel

 

लखनऊ/गोरखपुर

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को शोध कार्य की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि छात्रों के लिए न्यूनतम 75 प्रतिशत उपस्थिति स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में अनिवार्य की जानी चाहिए।

44वें दीक्षांत समारोह को बाबा गम्भीरनाथ सभागार, गोरखपुर विश्वविद्यालय में संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि समाज में व्याप्त समस्याओं की पहचान, उन पर अध्ययन और समाधान प्रस्तुत करना समय की मांग है।

राज्यपाल ने कहा कि सरकार शोध कार्यों के लिए अनुदान देती है और इसे ऐसे प्रोजेक्ट्स पर खर्च किया जाना चाहिए जो जनकल्याण से जुड़े हों। शोध पूरा होने के बाद उसकी रिपोर्ट संबंधित अधिकारियों को भेजी जानी चाहिए, ताकि उस पर ठोस कार्रवाई हो सके।

पटेल ने कहा, “माता-पिता कठिन परिश्रम करके बच्चों को पढ़ाते हैं। ऐसे में विद्यार्थियों को नियमित रूप से कक्षाओं में व्याख्यान सुनना चाहिए, प्रयोगशालाओं और पुस्तकालयों का उपयोग करना चाहिए और पढ़ाई में प्रगति का प्रयास करना चाहिए।”

राज्यपाल और सभी राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति ने कहा कि विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ हुए समझौतों के तहत विश्वविद्यालय की गतिविधियों को तेज़ किया जाना चाहिए।

उन्होंने विदेशी छात्रों के नामांकन पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि उन्हें सहयोग और स्नेह के साथ व्यवहार मिलना चाहिए, क्योंकि यही भारत की संस्कृति है।

उन्होंने छात्रों को पड़ोसी देशों की विश्वविद्यालयों में जाकर उनके शिक्षा तंत्र से सीख लेने और सकारात्मक अनुभवों को अपने संस्थानों में लागू करने की सलाह दी। साथ ही कहा कि NAAC, NIRF और वर्ल्ड रैंकिंग विदेशी छात्रों के नामांकन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए विश्वविद्यालयों को गुणवत्ता सुधार पर निरंतर ध्यान देना चाहिए।

कार्यक्रम में राज्यपाल ने 161 छात्रों को पदक और 301 शोधार्थियों को पीएचडी की डिग्रियां प्रदान कीं।

मुख्य अतिथि पद्मश्री प्रो. अशुतोष शर्मा (चेयर प्रोफेसर, आईआईटी कानपुर) को इस अवसर पर मानद डीएससी की उपाधि प्रदान की गई।