आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
भारतीय स्टॉक मार्केट ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ़ों के जवाब में एक बार फिर से गिरावट का सामना किया है. आइए विस्तार से देखें, क्या हुआ और कितनी गिरावट दर्ज की गई
टैरिफ़ का प्रभाव: क्यों पतन?
50% टैरिफ़ ने EXPORT-ORIENTED सेक्टरों को झटका दिया अमेरिकी निर्णय के तहत विशेष रूप से टेक्सटाइल्स, ज्वेलरी, झींगा, ऑटो-आंक्स और केमिकल्स जैसी निर्यात-उन्मुख इंडस्ट्रीज़ को भारी झटका लगा. इन क्षेत्रों की स्टॉक्स में 6% तक की गिरावट देखी गई. हालांकि, Sensex में यह सिर्फ लगभग 300 अंकों की मामूली गिरावट थी, जिससे संकेत मिलता है कि व्यापक बाज़ार पर इसका असर सीमित रहा.
निवेशकों का विश्वास बना रहा—Sensex और Nifty में लचीलापन
हालांकि टैरिफ़ से निर्यात क्षेत्रों को झटका लगा, लेकिन Nifty50 और BSE Sensex ने सामान्य ढंग से अपने पैर बनाए रखे। इसका कारण माना जा रहा है—फंडामेंटल मजबूत होना, घरेलू विकास की आशाएं और टैरिफ़ के दीर्घकालीन असर की उम्मीदों का अभाव
भविष्य में गिरावट की आंशका: विशेषज्ञों की चेतावनी
Stifel के रणनीतिकारों ने चेतावनी दी है कि S&P 500 में वर्ष 2025 के अंत तक संभावित 14% की गिरावट आ सकती है. उनका मानना है कि उच्च मुद्रास्फीति और आर्थिक संकेतकों में धीमी रफ्तार के कारण ‘माइल्ड स्टैगफ्लेशन’ की स्थिति बन सकती है.
ट्रंप के टैरिफ़ की घोषणा ने भावनात्मक प्रतिक्रिया तो जरूर जगाई, खासकर कुछ एक्सपोर्ट-नियुक्त क्षेत्रों में, लेकिन भारतीय बाजारों के व्यापक ढांचे पर असर सीमित रहा। बाज़ार में अभी तक व्यापक गिरावट नहीं आई, यह दर्शाता है कि निवेशक अभी भी भारतीय अर्थव्यवस्था और उसकी दीर्घकालिक उम्मीदों में आत्मविश्वास बनाए हुए हैं.