यूपीएससी सिविल सेवा 2021 में मुसलमानों का प्रदर्शन कुछ खास नहीं, कुल 23 हुए सफल

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 30-05-2022
यूपीएससी सिविल सेवा 2021 में पिछले एक दशक में मुसलमानों का प्रदर्शन सबसे खराब, कुल 23 हुए सफल
यूपीएससी सिविल सेवा 2021 में पिछले एक दशक में मुसलमानों का प्रदर्शन सबसे खराब, कुल 23 हुए सफल

 

मलिक असगर हाशमी/ नई दिल्ली

सिविल सेवा 2021 परीक्षा में मुस्लिम उम्मीदवारों का प्रदर्शन पिछले 12 वर्षों में उनके परिणामों की तुलना में सबसे खराब रहा. सोमवार को फाइनल रिजल्ट जारी किया गया. श्रुति टाॅप हुई है. संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने सोमवार 30 मई को सिविल सेवा 2021 की घोषणा की. इस बार कुल 685 उम्मीदवार कामयाब हुए हैं. इनमें मुस्लिम सफल उम्मीदवारों की संख्या केवल 23 हैं.

इनमें से कोई भी शीर्ष 100 की सूची में नहीं है. अरीबा नोमान ने मुसलमानों में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है. इनका 109वां रैंक है. यूपीएससी ने 05 अप्रैल से 25 मई, 2022 तक वर्ष 2021 के सिविल सेवा उम्मीदवारों के व्यक्तिगत साक्षात्कार आयोजित किए थे. सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 2021 को पास करने के बाद कुल 68 मुस्लिम व्यक्तिगत साक्षात्कार तक पहुंचे.

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने जनवरी 2022 में आयोजित सीएसई मुख्य परीक्षा और अप्रैल- मई 2022 में आयोजित व्यक्तिगत साक्षात्कार के आधार पर सिविल सेवा परीक्षा के अंतिम परिणाम की घोषणा की. श्रुति शर्मा ने रैंक 1 हासिल किया और अखिल भारतीय टॉपर के रूप में उभरी हैं, जबकि अंकिता अग्रवाल और गामिनी सिंगला ने क्रमशः दूसरा और तीसरा रैंक हासिल किया है.

यूपीएससी ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर परिणाम घोषित करते हुए कहा, ‘‘01 उम्मीदवार का परिणाम रोक दिया गया है.‘‘

2020 में, कुल 761 उम्मीदवारों ने सिविल सेवा की अंतिम परीक्षा में सफलता प्राप्त की थी. 2020 परीक्षा पास करने वाले कुल 761 में से 545 पुरुष और 216 महिलाएं थीं. शुभम कुमार ऑल इंडिया टॉपर थे, जहां जागृति अवस्थी और अंकिता जैन 2020 की परीक्षा में दूसरे और तीसरे स्थान पर थे.

यूपीएससी 2021में मुसलमानों की सूची

1) अरीबा नोमान (रैंक 109), 2) मोहम्मद सुबूर खान (रैंक 125), 3) सैयद मुस्तफा हाशम (रैंक 162), 4) अफनान अब्दु समद (रैंक 274), 5) अरशद मोहम्मद (रैंक 276), 6) मोहम्मद साकिब आलम (रैंक 279), 7) असरार अहमद किचलू (रैंक 287), 8) मोहम्मद अब्दुल रावूफ शैक (रैंक 309), 9) नाजीश उमर अंसारी (रैंक 344), 10) फैसल खान (रैंक 364), 11) मोहम्मद कमरुद्दीन खान (रैंक 414), 12) मोहम्मद शब्बीर (रैंक 419), 13) फैसल रजा (रैंक 441), 14) मासूम राजा खान (रैंक 457), 15) आसिफ ए (रैंक 464), 16) शेख मोहम्मद जैब जाकिर (रैंक 496), 17) मोहम्मद सिद्दीक शरीफ (रैंक 516), 18) मोहम्मद शौकत अजीम (रैंक 545) और 19) अनवर हुसैन (रैंक 600).

यूपीएससी में मुस्लिम

पिछले साल कुल 31मुसलमानों ने सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) पास की थी. 2020में यूपीएससी ने शीर्ष सीएस पदों के लिए 761 उम्मीदवारों की सिफारिश की थी.

-2019में, 42मुसलमानों ने परीक्षा पास की थी

- 2018में सिर्फ 27मुसलमानों ने अंतिम परिणाम में जगह बनाई थी.

-2016और 2017मुस्लिम उम्मीदवारों के लिए सबसे उज्ज्वल समय था. 2016में 52मुस्लिम सफल उम्मीदवारों की सूची में थे. 2017में उनकी संख्या 50थी.

-2015में यूपीएससी द्वारा अनुशंसित 1,078उम्मीदवारों में से 34मुस्लिम थे

- 2014में कुल 1,236उम्मीदवारों की सूची में 38मुस्लिम थे.

-2013में, कुल 34मुसलमानों ने परीक्षा पास की थी, जबकि 2012में, 30मुस्लिम सफल उम्मीदवारों में से थे, उनमें से चार शीर्ष 100में थे.

- 2012में, 30मुसलमान सफल उम्मीदवारों में से थे और 2011में, 31मुसलमान सिविल सेवाओं के लिए चुने गए 920में से थे.

- 2010में 875सफल उम्मीदवारों में से 21मुस्लिम थे. डॉ. राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा में कश्मीर के शाह फैसल ने टॉप किया था.

-2009 में 791 सफल उम्मीदवारों की सूची में कुल 31 मुस्लिम थे.