AMU : भावनाओं, अंतर्दृष्टि और रचनात्मक ऊर्जा के संग ‘फिल्मसाज़ 2025 संपन्न

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 03-05-2025
AMU: ‘Filmsaaz 2025’ concluded with emotions, insights and creative energy
AMU: ‘Filmsaaz 2025’ concluded with emotions, insights and creative energy

 

आवाज द वाॅयस/अलीगढ़

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय लघु फिल्म महोत्सव ‘फिल्मसाज़’ का 13वां संस्करण भावनात्मक गहराई, कलात्मक ऊर्जा और सृजनात्मक संवाद के चरम बिंदु पर पहुंचकर संपन्न हुआ.

विश्वविद्यालय के सांस्कृतिक शिक्षा केंद्र (CEC) के अंतर्गत यूनिवर्सिटी फिल्म क्लब द्वारा आयोजित इस दो दिवसीय समारोह ने कैनेडी ऑडिटोरियम को रचनात्मकता और सिनेमाई सोच के जीवंत मंच में तब्दील कर दिया.

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शहीदों को श्रद्धांजलि के साथ शुरुआत

समारोह के अंतिम दिन की शुरुआत ‘मेरे देश की धरती’ फिल्म की स्क्रीनिंग से हुई, जो हालिया पहलगाम आतंकी हमले के शहीदों को समर्पित थी. फिल्म की भावनात्मक मार्मिकता ने दर्शकों को गहराई से स्पर्श किया और आयोजन को राष्ट्रीय संवेदनाओं से जुड़ा एक गहरा क्षण प्रदान किया.

इसके पश्चात 'विज़डम रूम' में आयोजित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता ने यह स्पष्ट किया कि ज्ञान और कला अलग-अलग नहीं, बल्कि एक साझा संवाद का हिस्सा हैं.

सिनेमा: एक जीवंत डायरी

समारोह के मुख्य अतिथि डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. रफिउद्दीन ने कहा,"CEC आज रचनात्मक अभिव्यक्ति का एक प्रभावी केंद्र बन चुका है. सिनेमा, रंगमंच और संगीत महज मनोरंजन नहीं, बल्कि यह जिज्ञासा, सहानुभूति और सोचने की शक्ति को बढ़ावा देते हैं."

वहीं, विशेष अतिथि डॉ. ओबैद अहमद सिद्दीकी ने कहा,"सिनेमा हमारे युग की एक विकसित डायरी है. चाहे वह एक लघु फिल्म हो या वेब सीरीज़ – ये वे अनुभव दर्ज करते हैं जो पाठ्यपुस्तकों में अक्सर छूट जाते हैं."

सेलेब्रिटी मेहमानों ने बांधा समां

भारतीय सिनेमा के चर्चित अभिनेता श्री रंजन राज और अभिनेता-निर्देशक  इमरान रशीद की उपस्थिति ने समारोह को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया. यूनिवर्सिटी फिल्म क्लब की अध्यक्ष डॉ. फाज़िला शहनवाज़ ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और एक भव्य सम्मान समारोह में भाग लिया.

एक इंटरैक्टिव सत्र में दोनों अतिथियों ने डिजिटल युग में कहानी कहने की बदलती शैली, व्यक्तिगत संघर्षों और रचनात्मकता में लचीलापन बनाए रखने के महत्व पर विचार साझा किए. रंजन राज ने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा:"बनाते रहो, असफल होते रहो, सीखते रहो – यही असली फॉर्मूला है."

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पुरस्कारों और संगीत के साथ विदाई

यूनिवर्सिटी फिल्म क्लब के सचिव  मोहम्मद सलमान ने आयोजन टीम के समर्पण पर गर्व जताया और सभी प्रतिभागियों व दर्शकों का आभार व्यक्त किया. समापन सत्र में प्रतिभाशाली युवा फिल्म निर्माताओं को सम्मानित किया गया, जिनकी रचनात्मकता, साहस और संवेदनशीलता ने निर्णायकों को प्रभावित किया.

अंत में, फ्यूज़न म्यूज़िक क्लब की संगीतमय प्रस्तुति ने माहौल को उल्लास से भर दिया. कैनेडी ऑडिटोरियम में गूंजती धुनों के साथ यह संदेश स्पष्ट था—

"फिल्मसाज़ केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि यह कल्पना करने, सवाल पूछने और सबसे बढ़कर—महसूस करने का एक मंच है."