जामिया मिल्लिया इस्लामिया में भू-राजनीति पर अकादमिक मंथन

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 01-05-2025
Academic discussion on geopolitics at Jamia Millia Islamia
Academic discussion on geopolitics at Jamia Millia Islamia

 

आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली

जामिया मिल्लिया इस्लामिया के नेल्सन मंडेला शांति एवं संघर्ष समाधान केंद्र (NMCPCR) ने “अव्यवस्था में विश्व व्यवस्था: बदलती भू-राजनीति पर परिप्रेक्ष्य” विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय स्नातक सम्मेलन का आयोजन किया. अंतरराष्ट्रीय शांति अध्ययन केंद्र, नई दिल्ली के सहयोग से आयोजित यह सम्मेलन विश्वविद्यालय परिसर के मीर अनीस हॉल में संपन्न हुआ. 

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इसका उद्देश्य वैश्विक व्यवस्था में आ रहे तेज़ बदलावों और भू-राजनीतिक उथल-पुथल को समझना और उस पर अकादमिक विमर्श को बढ़ावा देना था.मुख्य अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर मोहम्मद महताब आलम रिजवी ने उद्घाटन भाषण में वैश्विक शक्तियों की प्रतिस्पर्धा, प्रौद्योगिकी और गैर-राज्य शक्तियों के उदय से उत्पन्न नई चुनौतियों पर प्रकाश डाला. 

उन्होंने जोर देकर कहा कि आज की अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था केवल राज्य-केंद्रित नहीं रह गई है, बल्कि उसे गैर-राज्यीय ताकतों और तकनीकी बदलावों से भी खतरा है.
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सम्मेलन में तीन प्रमुख विषयगत सत्र आयोजित किए गए:

युद्ध, आधिपत्य और रणनीति: इस सत्र में सिद्धांत और व्यवहार के बीच के तनाव, रूस-यूक्रेन युद्ध और भारत-चीन रणनीतियों पर शोध प्रस्तुत किए गए.वेस्टफेलियन व्यवस्था से परे: वैश्विक दक्षिण की भूमिका और बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था में उसकी एजेंसी पर चर्चा हुई.

लैंगिकता, संघर्ष और विश्व व्यवस्था में टूटन: नारीवादी दृष्टिकोण से युद्ध और सत्ता समीकरणों की व्याख्या की गई.इन सत्रों में जामिया के स्नातकोत्तर छात्रों और पीएचडी शोधार्थियों ने 23 शोध पत्र प्रस्तुत किए, जिनमें बदलती विश्व व्यवस्था में असमानता, शक्ति संघर्ष और संभावित समाधान जैसे मुद्दों को उठाया गया. सभी सत्रों की अध्यक्षता छात्रों ने की, जिससे युवा विद्वानों को संवाद और नेतृत्व का अवसर मिला.
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विचारोत्तेजक सत्र: शोध लेखन पर कार्यशाला

सम्मेलन में ‘शोध पत्र कैसे प्रकाशित करें?’ विषय पर एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया, जिसे अंतरराष्ट्रीय शांति अध्ययन केंद्र के डॉ. वसीम मल्ला ने संबोधित किया. उन्होंने अकादमिक प्रकाशन की प्रक्रियाओं, सहकर्मी समीक्षा, साहित्यिक ईमानदारी और नैतिकता पर विस्तृत मार्गदर्शन दिया.

समापन भाषण और भविष्य की दृष्टि

सम्मेलन का समापन एमएमएजे - एकेडमी ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के प्रोफेसर अजय दर्शन बेहरा के सारगर्भित संबोधन से हुआ.

उन्होंने तकनीकी व्यवधान, बदलते गठबंधनों और संप्रभुता की जटिलता जैसे विषयों को सैद्धांतिक दृष्टि से प्रस्तुत किया. सत्र की अध्यक्षता सामाजिक विज्ञान संकाय के डीन प्रोफेसर मोहम्मद मुस्लिम खान ने की.

नेल्सन मंडेला केंद्र के संकाय सदस्य डॉ. प्रेमानंद मिश्रा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया. कहा कि यह सम्मेलन अकादमिक विमर्श को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है.

विशेष उपस्थिति

कार्यक्रम में जामिया के विभिन्न केंद्रों और विभागों से अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जिनमें शामिल थे — प्रो. हुमायूं अख्तर नाजमी (पश्चिम एशियाई अध्ययन), प्रो. अमरजीत (उत्तर पूर्व अध्ययन), डॉ. इति बहादुर (जेएन अध्ययन केंद्र) और विश्वविद्यालय के सुरक्षा प्रमुख  सैयद अब्दुल राशिद.