नई दिल्ली, 12 अगस्त 2025
जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली के संस्कृत विभाग में 11-12 अगस्त 2025 को संस्कृत सप्ताह समारोह बड़े उत्साह और भव्यता के साथ आयोजित किया गया। दो दिवसीय इस कार्यक्रम में शैक्षिक, सांस्कृतिक और भाषायी विविधताओं से भरपूर गतिविधियाँ संपन्न हुईं, जिनमें छात्रों ने अपनी प्रतिभा का प्रभावशाली प्रदर्शन किया।
पहला दिन — विशिष्ट व्याख्यान और सांस्कृतिक संदेश
कार्यक्रम के प्रथम दिन एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के वरिष्ठ आचार्य प्रो. सत्यपाल सिंह उपस्थित रहे, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में एनसीईआरटी, नई दिल्ली के संस्कृत विभाग के सहायक आचार्य एवं संस्कृत भारती, दिल्ली प्रांत के मंत्री डॉ. देवकीनंदन ने शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्कृत विभाग के अध्यक्ष डॉ. जयप्रकाश नारायण ने की।
वक्ताओं ने संस्कृत भाषा की सांस्कृतिक और वैज्ञानिक महत्ता, इसके पुनर्जागरण की आवश्यकता तथा युवाओं में इसकी लोकप्रियता बढ़ाने के उपायों पर विस्तार से विचार रखे।
दूसरा दिन — प्रतियोगिताओं में छात्रों का उत्साह
दूसरे दिन विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिनमें प्रश्नमंच, श्लोक गायन, श्लोक पाठ, शब्दार्थ स्पर्धा और संज्ञा प्रकरण (कंठस्थीकरण) शामिल थे। विभाग के स्नातक, स्नातकोत्तर और शोध छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
प्रतियोगिता परिणाम:
श्लोक गायन: प्रथम — फिजा, द्वितीय — ऋतुराज मौर्य, तृतीय — तसनीम ज़हरा
संज्ञा प्रकरण: प्रथम — ऋतुराज मौर्य, द्वितीय — तसनीम ज़हरा, तृतीय — फिजा
शब्दार्थ स्पर्धा: प्रथम — ऋतुराज मौर्य, द्वितीय — लुकमान, तृतीय — नावेद
श्लोक पाठ: प्रथम — सुधम (श्रीलंका), द्वितीय — फरहान, तृतीय — अरशद
प्रश्नमंच: प्रथम — ऋतुराज मौर्य, द्वितीय — फिजा, तृतीय — फरहान
प्रत्येक प्रतियोगिता में चतुर्थ स्थान प्राप्त प्रतिभागियों को प्रोत्साहन पुरस्कार भी प्रदान किए गए।
मुख्य अतिथि का संबोधन
दूसरे दिन के मुख्य अतिथि एवं निर्णायक, देशबंधु महाविद्यालय (दिल्ली विश्वविद्यालय) के डॉ. श्यामसुंदर शर्मा ने अपने संबोधन में संस्कृत की वैज्ञानिकता और प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "संस्कृत हमारी सांस्कृतिक धरोहर की आत्मा है, जिसमें ज्ञान, विज्ञान और दर्शन का अमूल्य भंडार निहित है। यह अतीत का गौरव और भविष्य का मार्गदर्शन है, जिसका पुनर्जागरण समय की आवश्यकता है।"
विभागाध्यक्ष का संदेश
विजेताओं को सम्मानित करते हुए विभागाध्यक्ष डॉ. जयप्रकाश नारायण ने संस्कृत की अमरता, सांस्कृतिक महत्व और इसके संरक्षण एवं संवर्धन के लिए छात्रों को निरंतर प्रयासरत रहने का आह्वान किया।
देशभक्ति का रंग
कार्यक्रम में ‘हर घर तिरंगा’ उत्सव के अंतर्गत छात्रों ने राष्ट्रीय गीत प्रस्तुत किए, स्वतंत्रता दिवस से जुड़े भाषण दिए और जामिया के स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम संचालन एवं समापन
विभिन्न प्रतियोगिताओं का संचालन शोध छात्र जीतू, अनुराग, हृषिकेश, सुधांशु और प्रीति ने किया। सम्पूर्ण कार्यक्रम संस्कृत शोध परिषद् के तत्वावधान और विभागाध्यक्ष के निर्देशन में संपन्न हुआ।
शुभारंभ शोध छात्र करण वशिष्ठ के वैदिक मंगलाचरण और रितु के लौकिक मंगलाचरण से हुआ, जबकि समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया। इस अवसर पर विभाग के सभी प्राध्यापक, शोधार्थी और छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।