अलीगढ़
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के डॉ. ज़ेड.ए. डेंटल कॉलेज के पीडियाट्रिक एंड प्रिवेंटिव डेंटिस्ट्री विभाग की प्रोफेसर व चेयरपर्सन, डॉ. सैमा यूनुस खान ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक और उपलब्धि हासिल करते हुए विश्वविद्यालय का नाम रोशन किया है। उन्हें कोलंबो, श्रीलंका में आयोजित साउथ एशियन एसोसिएशन ऑफ पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री के 5वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में उत्कृष्ट शोध योगदान के लिए ‘एक्ज़ेम्प्लरी पीयर रिव्यूअर अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया।
सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में यह पुरस्कार उन्हें श्रीलंका स्थित भारत के उच्चायुक्त, श्री संतोश झा ने प्रदान किया। इस अंतरराष्ट्रीय आयोजन में 10 से अधिक देशों के 250 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिसमें बाल दंत चिकित्सा (पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री) के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर हो रहे नवीनतम शोध और प्रगति पर चर्चा हुई।
प्रो. सैमा ने सम्मेलन में न केवल अपना मौलिक एविडेंस-बेस्ड शोध प्रस्तुत किया, बल्कि एक पेपर प्रेजेंटेशन सत्र की अध्यक्षता भी की। उनके शोध कार्य को प्रतिभागियों और विशेषज्ञों द्वारा विशेष रूप से सराहा गया, क्योंकि इसमें बच्चों के दंत स्वास्थ्य से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण से नई जानकारी दी गई थी।
डॉ. सैमा यूनुस खान का यह सम्मान केवल एक पुरस्कार भर नहीं है, बल्कि यह उनके वर्षों से चल रहे निरंतर और गहन शोध, उत्कृष्ट अकादमिक योगदान और पीयर रिव्यू प्रक्रिया में उनकी निष्ठा का प्रमाण है। पीयर रिव्यूअर अवॉर्ड उन विशेषज्ञों को दिया जाता है, जो अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित होने वाले शोध कार्यों का मूल्यांकन निष्पक्षता, गहराई और गुणवत्ता के उच्च मानकों के साथ करते हैं।
प्रो. सैमा इससे पहले भी कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित हो चुकी हैं। विशेष उल्लेखनीय है कि वे प्रतिष्ठित और अत्यंत प्रतिस्पर्धी ‘आईएडीआर जॉन क्लार्कसन फेलोशिप’ प्राप्त करने वाली एकमात्र भारतीय हैं। यह फेलोशिप दंत चिकित्सा के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर चुनिंदा और उत्कृष्ट शोधकर्ताओं को प्रदान की जाती है।
उनकी इस उपलब्धि से न केवल एएमयू परिवार को गर्व का अनुभव हुआ है, बल्कि यह भावी दंत चिकित्सकों और शोधकर्ताओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनेगी। विश्वविद्यालय प्रशासन और सहकर्मियों ने उन्हें इस सफलता के लिए बधाई दी और उम्मीद जताई कि वे आने वाले समय में भी इसी तरह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत और एएमयू का नाम गौरवान्वित करती रहेंगी।