अलीगढ़ की बेटी अफरीन जबी ने लहरों को मात देकर भारत का नाम किया रोशन

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 12-08-2025
Aligarh's daughter Afreen Jabi brought glory to India by defeating the waves
Aligarh's daughter Afreen Jabi brought glory to India by defeating the waves

 

आवाज द वाॅयस/अलीगढ़

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) की बी.पी.एड. की छात्रा अफरीन जबी ने इतिहास रच दिया. वह एएमयू की पहली छात्रा बन गई हैं, जिसने इंग्लिश चैनल पार करने का असाधारण कारनामा कर दिखाया. लंदन से विजयी वापसी के बाद आज उन्होंने विश्वविद्यालय की उपकुलपति प्रो. नायमा ख़ातून से मुलाकात की, जिन्होंने उन्हें “एएमयू की खेल जगत की आइकन” करार देते हुए उनके साहस, दृढ़ निश्चय और प्रतिभा की सराहना की.

प्रो. नायमा ख़ातून ने अफरीन को बधाई देते हुए कहा, “अफरीन ने न केवल एएमयू बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया है. उन्होंने साबित कर दिया है कि मेहनत, अनुशासन और जुनून के साथ कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं. हमें विश्वास है कि वह आने वाले वर्षों में भी विश्वविद्यालय और भारत के लिए नई-नई ऊँचाइयाँ हासिल करेंगी.”

13 घंटे 13 मिनट में 34 किलोमीटर की ऐतिहासिक तैराकी

29 जुलाई 2025 को अफरीन ने ब्रिटेन के डोवर (Dover) से फ्रांस के कैप ग्रिस-नेज़ (Cap Gris-Nez) तक 34 किलोमीटर लंबी इंग्लिश चैनल की खतरनाक और ठंडी लहरों को 13 घंटे 13 मिनट में पार किया.

यह सफर न केवल शारीरिक सहनशक्ति बल्कि मानसिक दृढ़ता की भी परीक्षा था. इंग्लिश चैनल को दुनिया के सबसे कठिन जलमार्गों में गिना जाता है, जहाँ तेज़ धाराएँ, ठंडा पानी, अनिश्चित मौसम और समुद्री जीव तैराकों के सामने बड़ी चुनौती पेश करते हैं. अफरीन अब उन चुनिंदा विश्वस्तरीय मैराथन तैराकों की सूची में शामिल हो गई हैं, जिन्होंने यह कारनामा अकेले पूरा किया है.
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कृतज्ञता और भविष्य की बड़ी योजना

सम्मान समारोह में अफरीन ने अपने माता-पिता, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और देश के लोगों का आभार जताते हुए कहा, “यह सफलता सिर्फ मेरी नहीं है, बल्कि उन सभी की है जिन्होंने मुझ पर विश्वास किया और हर कदम पर मेरा साथ दिया। मेरे माता-पिता ने मुझे हमेशा हौसला दिया, एएमयू ने प्रशिक्षण और संसाधन मुहैया कराए, और देशवासियों ने दुआओं और शुभकामनाओं से मुझे ताक़त दी.”

अफरीन ने अपने भविष्य के सपनों को साझा करते हुए कहा कि वह भारत का प्रतिनिधित्व ओलंपिक में करना चाहती हैं, विशेष रूप से ओपन वाटर मैराथन स्विमिंग कैटेगरी में. उन्होंने कहा, “इंग्लिश चैनल पार करना मेरे लिए सिर्फ एक शुरुआत है. मेरा लक्ष्य अब वैश्विक मंच पर भारत का झंडा ऊँचा फहराना है. इसके लिए मैं आने वाले महीनों में अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप कठोर प्रशिक्षण लूँगी.”

पारिवारिक और संस्थागत सहयोग

इस मौके पर अफरीन के साथ उनके बड़े भाई और एएमयू के रसायन विभाग के शोधार्थी, आदिल मोहम्मद भी मौजूद थे, जिन्होंने बहन की सफलता को “हमारे पूरे परिवार के लिए गर्व का क्षण” बताया.

समारोह में कंट्रोलर ऑफ एग्ज़ामिनेशंस डॉ. मुजीब उल्लाह जुबरी, जनसंपर्क की प्रभारी सदस्य प्रो. विभा शर्मा और जनसंपर्क अधिकारी  उमर पीरज़ादा भी मौजूद रहे. सभी ने एक स्वर में अफरीन को आने वाले अभियानों के लिए शुभकामनाएँ दीं और उनके संकल्प को प्रेरणादायक करार दिया.

एएमयू के लिए गौरव का क्षण

अफरीन की यह उपलब्धि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के खेल इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज हो गई है. यह केवल व्यक्तिगत विजय नहीं, बल्कि उस खेल भावना और उत्कृष्टता की मिसाल है जिसके लिए एएमयू हमेशा प्रयासरत रहा है. इंग्लिश चैनल की कठिन लहरों को चीरने वाली यह युवा तैराक अब हजारों छात्रों के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं.

अफरीन का यह साहसिक सफर आने वाले समय में न केवल ओलंपिक के सपनों को पंख देगा, बल्कि भारत की नई पीढ़ी को भी यह सिखाएगा कि सीमाएँ केवल मन में होती हैं, समंदर भी उन लोगों के आगे झुक जाता है, जो हार न मानने का संकल्प रखते हैं.