जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों को प्रतिष्ठित ‘मेधा’ फेलोशिप, छात्र बोले-अब नहीं होगी दिक्कत

Story by  मोहम्मद अकरम | Published by  [email protected] | Date 28-02-2023
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों को प्रतिष्ठित ‘मेधा’ फेलोशिप, छात्र बोले-अब नहीं होगी दिक्कत
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों को प्रतिष्ठित ‘मेधा’ फेलोशिप, छात्र बोले-अब नहीं होगी दिक्कत

 

 
मोहम्मद अकरम एवं एजेंसी / नई दिल्ली

दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के तीन छात्र सैकड़ों आवेदकों के बीच प्रतिष्ठित मेधा फेलोशिप हासिल करने में सफल रहे. फेलोशिप के लिए जामिया के आयशा सौबिया, अश्विनी सिंह और याशिका अरोड़ा का चयन हुआ है. उन्हें दो साल तक मास्टर की पढ़ाई के लिए प्रतिमाह 20,000 रुपये बतौर वजीफा दिए जाएंगे. इन छात्रों को उम्मीद है कि फेलोशिप मिलने से करियर बनाने में फायदा होगा और पढ़ाई में परेशानी नहीं आएगी. 

क्या कहते हैं छात्र
  
आयशा का तल्लुक बिहार के पटना शहर के रमना रोड  से है. उन्होंने आवाज द वायस से बातचीत में कहा, ‘‘ जब वह एक साल की थीं तब उनके पिता सैयद खुर्शीद हसनैन गुजर गए. उनकी पढ़ाई की जिम्मेदारी उनके मामा ने उठाई. वह बताती हैं, हमें इस फेलोशिप से आर्थिक तौर पर फायदा होगा. 20,000 रुपये मासिक मिलने से अब मैं मामा पर ज्यादा निर्भर नहीं रहूंगी.’’
 
अश्विनी सिंह यूपी चंदौली जिला के सदलपूरा गांव से हैं. उनके पिता देवेंद्र प्रताप सिंह किसानी का काम करते हैं. फेलोशिप मिलने पर खुशी का इजहार करते हुए कहते हैं “पहले मैं आर्थिक परेशानी के कारण इंटर्नशिप नहीं कर पा रहा था. अब इसकी वजह से इंटर्नशिप करने में मदद मिलेगी. साथ ही पापा को पैसे के लिए कॉल नहीं करुंगा.”
 
याशिका अरोड़ा यूपी के हाथरस के लेबर कॉलोनी इलाके से हैं. उनके पिता  गांव में ही एक दुकान में काम करते हैं. याशिका अरोड़ा फेलोशिप मिलने पर खुश है. कहती हैं, इससे हमारी पढ़ाई में स्पोट मिलेगा. हमें अपने ख्वाब पूरे करने में मदद मिलेगी. 
 
क्या है मेधा फेलोशिप ?

मालूम हो कि यह फेलोशिप आर्थिक तौर से कमजोर ऐसे छात्र की मदद करता है जो उच्च शिक्षा हासिल करना चाहते हैं. रिसर्च करना चाहते है. इसके तहत मास्टर्स के लिए 20 हजार रुपये प्रति माह दो साल के लिए और पीएचडी के छात्रों के लिए 40 हजार रुपये तीन साल के लिए वजीफा मिलता है.
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क्या कहती हैं जामिया की वाइस चांसलर

 
तीनों छात्रों के शानदार प्रदर्शन पर जामिया की वाइस चांसलर प्रोफेसर नजमा अख्तर ने सफल छात्रों को बधाई दी. उनके प्रयासों के लिए शुभकामनाएं दीं. कुलपति ने कहा, इन छात्रों का चयन उनके अकादमिक प्रोफाइल और सैकड़ों आवेदकों के साक्षात्कार प्रदर्शन के आधार पर किया गया. मुझे उम्मीद है कि यह विश्वविद्यालय के अन्य छात्रों को भी बेहतर करने के लिए प्रेरित करेगा.
 
क्या होगा मेधा फेलोशिप से लाभ

मेधा फेलोशिप बायर कर्मचारियों के साथ उद्योग विशेषज्ञों के तहत परामर्श प्राप्त करने के अवसर के साथ वार्षिक वित्तीय सहायता प्रदान करती है. फेलोशिप जीवन-विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी, फार्मा विषयों में उच्च अध्ययन (मास्टर और पीएचडी) करने के लिए समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है.
 
विश्वविद्यालय के मुताबिक छात्रों को बायर की अनुसंधान प्रयोगशालाओं का दौरा करने, उद्योग के विशेषज्ञों के साथ बातचीत करने, एक्सपोजर हासिल करने और अपने जानकारी बढ़ाने का अवसर भी मिलेगा. फेलोशिप का लक्ष्य फेलो को उनके लघु और दीर्घकालिक शैक्षणिक और व्यावसायिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम बनाना है.
 
जामिया के बढ़ते कदम

इससे पहले इसी महीने जामिया मिलिया इस्लामिया के द सेंटर फॉर फिजियोथेरेपी एंड रिहैबिलिटेशन साइंसेज को बेस्ट फिजियोथेरेपीकॉलेज चुना गया. जामिया को नॉर्थ जोन, बेस्ट कॉलेज फॉर कैंपस प्लेसमेंट का पुरस्कार भी प्राप्त हो चुका है.
 
अहमदाबाद में आयोजित इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथेरेपिस्ट्स के 60वें अंतरराष्ट्रीय वार्षिक सम्मेलन में जामिया को बेस्ट फिजियोथेरेपी कॉलेज, नॉर्थ जोन एंड बेस्ट कॉलेज फॉर कैंपस प्लेसमेंट पुरस्कार से नवाजा गया. सम्मेलन का केंद्रीकृत विषय फिट इंडिया के लिए कसरत था