आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
राजस्थान (झुंझुनू) के केंद्रीय विद्यालय में 9 वीं क्लास के छात्र ने होलिडे होमवर्क का विरोध करने के लिए अनोखा तरीका अपनाया. छात्र प्रांजल रविवार के दिन कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठ गया और वहीं टेबल चेयर लगाकर हॉलिडे होमवर्क करने लगा. प्रांजल ने बताया कि होलिडे होमवर्क बच्चे के मूल अधिकार का उल्लघंन है.
उसने कहा कि वह इसके विरोध में वह प्रत्येक रविवार को सुबह दस से दोपहर बारह बजे तक कलेक्ट्रेट के सामने होलिडे होमवर्क करते हुए धरने पर बैठेगा. प्रांजल की मां अनामिका ने भी उसका साथ देते हुए कहा कि चाहे बड़े हों या बच्चे, अवकाश का अर्थ और महत्व सभी के लिए समान है.
इसके अलावा उसने कहा कि बड़े लोग तो अपना अवकाश मनाते हैं. जबकि, बच्चों को अवकाश में भी ढेर सारा होमवर्क करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि भारत में शिक्षण संस्थानों से जुड़े लोग नकारात्मक विचारधारा रखते हैं. अवकाश हो या स्कूल टाइम, वे लोग बच्चे को सिर्फ पढ़ते हुए देखना चाहते हैं. हॉलिडे पर भी पढ़ो-पढ़ो की रट अभिभावक व शिक्षण संस्थान लगाए रहते हैं. बच्चे लगातार तनाव में रहते हैं. इसलिए आत्महत्या के केस बढ़ रहे हैं. कोई नहीं समझना चाहता कि बच्चे क्या चाहते हैं? क्या बनना चाहते हैं?