नई दिल्ली/जम्मू
भारत और पाकिस्तान के बीच चरम पर पहुंचे तनाव के बीच पाकिस्तान ने गुरुवार रात जम्मू-कश्मीर और पश्चिमी भारत के कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाते हुए करीब 50-60 ड्रोन और मिसाइल हमले किए, लेकिन भारत की अभेद्य वायु रक्षा प्रणाली (Air Defence System) ने इन सभी हमलों को विफल कर दिया.
पाकिस्तान के इस व्यापक हमले के बाद भारतीय सशस्त्र बलों ने तुरंत और निर्णायक कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान में स्थित कई एयर डिफेंस रडार और सिस्टम को निष्क्रिय कर दिया. इस घटनाक्रम के बाद पूरे देश में सुरक्षा अलर्ट घोषित कर दिया गया है और सीमावर्ती राज्यों में ब्लैकआउट और हाई अलर्ट की स्थिति लागू है.
पूर्व डीजीपी एसपी वैद ने कहा कि यह हमला हमास-शैली के रॉकेट बमबारी जैसा था, जिसमें एक साथ कई जगहों पर सस्ते लेकिन घातक हथियारों से हमला किया गया। उन्होंने चेताया कि“ऐसा लगता है कि पाकिस्तान ने पूर्ण युद्ध छेड़ दिया है और इसका भारत को करारा जवाब देना चाहिए। पाकिस्तान के दिन अब गिने-चुने रह गए हैं.”
सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान ने जिन क्षेत्रों को निशाना बनाया उनमें शामिल हैं:
जम्मू, उधमपुर, राजौरी, पठानकोट, सांबा, अखनूर, श्रीनगर, अवंतीपुरा, अमृतसर, कपूरथला, लुधियाना, जालंधर, आदमपुर, भटिंडा, चंडीगढ़, नल, फलोदी, उत्तरलाई और भुज।
सभी जगहों पर भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने घुसपैठ को रोका। मलबा कई जगहों से बरामद हुआ है, जिससे हमलों की पुष्टि होती है।
मुख्यालय एकीकृत रक्षा स्टाफ (HQ IDS) ने पुष्टि की कि पाकिस्तान की ओर से किए गए ड्रोन और मिसाइल हमलों को एसओपी (Standard Operating Procedure) के तहत गतिज और गैर-गतिज दोनों तरीकों से बेअसर किया गया।
कर्नल सोफिया कुरैशी ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया:
“हमने आज सुबह पाकिस्तान में कई एयर डिफेंस रडार और सिस्टम को सफलतापूर्वक निष्क्रिय किया है। लाहौर स्थित एक रक्षा प्रणाली को भी टारगेट किया गया है।”
भारत की यह प्रतिक्रिया पाकिस्तानी हमलों के समकक्ष तीव्रता के साथ थी, लेकिन इसकी प्रकृति गैर-सैन्य और आतंकवाद विरोधी रही।
पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के उरी, कुपवाड़ा, तंगधार और करनाह में नियंत्रण रेखा (LoC) पर भी संघर्षविराम का उल्लंघन करते हुए भारी मोर्टार और आर्टिलरी से गोलाबारी की।
रक्षा सूत्रों के अनुसार,“पाकिस्तान ने सतवारी, सांबा, आरएस पुरा और अरनिया जैसे क्षेत्रों पर आठ मिसाइलें दागीं, लेकिन सभी को समय रहते इंटरसेप्ट कर लिया गया।”
यह हमला स्पष्ट रूप से युद्ध जैसी मंशा दर्शाता है।
22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की मौत के बाद भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” चलाया था। इस ऑपरेशन के तहत भारत ने पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकवादी शिविरों पर निशाना साधा।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार:“हमारी कार्रवाई केंद्रित, संयमित और गैर-आक्रामक रही है। हमने किसी पाकिस्तानी सैन्य सुविधा को निशाना नहीं बनाया है।”
गुरुवार को संसद भवन में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, और अन्य प्रमुख नेताओं को स्थिति से अवगत कराया गया।
बैठक के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा:“हमने पाकिस्तान के हमलों का सटीक और नियंत्रित जवाब दिया है। हमारा इरादा तनाव को बढ़ाने का नहीं है, लेकिन यदि पाकिस्तान फिर से उकसावे वाली कार्रवाई करता है, तो जवाब तैयार है।”
राजस्थान के बीकानेर, जैसलमेर, पंजाब के जालंधर, जम्मू के अखनूर, सांबा, किश्तवाड़, जम्मू शहर, और अमृतसर में ब्लैकआउट लागू किया गया है।
रक्षा तैयारियों के तहत संवेदनशील इलाकों में नागरिक गतिविधियों पर रोक, पुलिस की छुट्टियाँ रद्द, और सभी स्कूल-कॉलेज बंद किए गए हैं।
स्थिति विस्फोटक, पर भारत तैयार
भारत ने अपनी ओर से आत्मरक्षा और आतंकवाद विरोधी नीति का पालन करते हुए संयम बरता है, लेकिन पाकिस्तान की ओर से जिस तरह के हमले किए गए हैं, वो स्पष्ट रूप से युद्ध की शुरुआत की ओर इशारा करते हैं।
सरकार और सेना का रुख साफ है—कोई भी आक्रामकता बिना जवाब नहीं जाएगी। भारत की रक्षा प्रणाली तैयार है, और रणनीतिक, राजनयिक और सैन्य हर मोर्चे पर मजबूती से प्रतिक्रिया दी जा रही है।