मेवात में शिक्षा की अलख, मेधावी बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाएंगे समाजसेवी

Story by  यूनुस अल्वी | Published by  [email protected] | Date 29-05-2022
मेधावी बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाएंगे समाजसेवी
मेधावी बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाएंगे समाजसेवी

 

यूनुस अलवी/ मेवात, हरियाणा

कहते हैं कि सपने बड़े हो तो उसको पूरा करने के लिए कोई न कोई साथ जरूर मिल जाता है. ऐसी ही एक पहल हरियाणा के मेवात मेवात जिले में देखने को मिली है. मेवात के मेधावी छात्रों की मदद के लिए कुछ समाजसेवियों ने एक नई शुरुआत की है.

असल में, मेवात जिले और आसपास के इलाके से कुछ दानदाता, समाजसेवीऔरशिक्षाविद प्रतिभाशाली गरीब बच्चों की मदद के लिए आगे आए हैं. इस दिशा में पहला कदम उठाया गया जब मेवात के ही पांच लोगों ने पांच गरीब प्रतिभाशाली बच्चों को शिक्षा के मद में खर्चे उठाने के लिए गोद ले लिया.

इन समाजसेवियों ने इन पांच मेधावी बच्चों की नीट परीक्षा का पूरा खर्चा उठाने की जिम्मेदारी उठा ली है. इस दिशा में एक आयोजन शनिवार को मेवात इंजीनियरिंग कॉलेज वक्फ पल्ला में आयोजित किया गया. मेवात स्कॉलरशिप प्रोग्राम नाम के इस आयोजन में बच्चों और गोद लेने वाले प्रमुख लोगों को सम्मानित भी किया गया. इस मौके पर इलाके पर काफी प्रमुख लोग मौजूद रहे.

मेवात स्कॉलरशिप प्रोग्राम के आयोजक पंचायत विभाग के डिप्टी डारेक्टर ऋषिपाल डांगी बताते हैं कि प्रतिभावान गरीब बच्चों को नीट परीक्षा की मुफ्त में तैयारी कराने को लेकरउनकी चर्चावकील रमजान चौधरी, प्रोफेसर वसीम अकरम, सद्दीक मेव, सरफराज नवाज, फारुख सरपंच पल्ला जैसे कई लोगों से हुई थी. उनके साथ मीनाक्षी ने भी इस योजना को सिरे चढ़ाया.

उनकी चर्चा में नीट परीक्षा की तैयारी करने वाली बंगलोर की संस्था फलकोन के निदेशक भी मौजूद थे. उन्होंने गरीब बच्चों को अपनी ओर से राहत देने का भरोसा दिलाया. उन्होंने बताया कि फालकोंन संस्थान टेस्ट कराती है जो बच्चे 720 में से 500 अंक लाते हैं उनका ही चयन नीट की तैयारी के लिए होता है.


मेवात की गरीब बच्चों के लिए बड़ी पहल 

  • अब एमबीबीएस की तैयारी करने में धन की कमी नही बनेगी बाधा
  • मेवात के पांच लोगों ने 5 गरीब परिवार के बच्चों को गोद लेकर कायम की मिसाल
  • नूंह में आयोजित किया गया मेवात स्कॉलरशिप प्रोग्राम

लेकिन उनसे आग्रह किया गया कि मेवात के बच्चों के लिए यह अंक 300 कर दिया जाए. उसके बाद आयोजित परीक्षा में 650 से अधिक बच्चों ने हिस्सा लिया और उसमें से भी सिर्फ 27 बच्चे पास हो सके और 24 बच्चे ही साक्षात्कार में आ सके.

इंटरव्यू के बाद महज 12 बच्चे की चयनित हो सके. इन 12 में से 5 बच्चे बेहद वंचित थे और कोचिंग के पैसे वहन कर सकने की उनकी आर्थिक हैसियत नहीं थी. तब इन पांचों गरीब बच्चों को 5 समाजसेवी और सरपंचों ने गोद लिया है.

किसने कौन बच्चा गोद लिया

धोण्ड फिरोजपुर झिरका के गांव के इनामुल हसन को पिनगवां गांव के सरपंच संजय सिंगला ने, खोयरी तावडू के जतिन कुमार को मोहम्मद इस्राइल रानीका ने, पुन्हाना के मोहम्मद आसिफ को रोजका मेव के पपीत खान एडवोकेट ने, इंदाना के अबरार को मुबारिकपुर गांव के कनिष्ठ अभियंता साबिर खान ने और कोट गांव के मोहम्मद कैफ को अड़बर गांव के ठेकेदार इमरान खान ने गोद लिया है.

अब हर कोई इस कदम को यह मेवात जैसे पिछड़े इलाके में शिक्षा की अलख जगाने के लिए एक अच्छी पहल बता रहा है. इस पहल के बाद आगे से आइआइटी और दूसरी प्रतियोगिता परीक्षाओं की पढ़ाई करने वाले बच्चों को आर्थिक मदद की जाएगी.

आपको बता दें कि मेवात हरियाणा ही नहीं बल्कि देश के आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े जिलों में शुमार है, जहां बेहद गरीबी है. गरीबी की वजह से लोग अपने बच्चों को बेहतर शिक्षण संस्थानों में नहीं भेज पाते हैं और कई बार धन की कमी बच्चों की पढ़ाई में रोड़ा बन जाती है.