संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद लेबनान में शांति मिशन 31 दिसंबर 2026 को समाप्त करने पर करेगी मतदान

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 28-08-2025
UN Security Council to vote on ending peacekeeping mission in Lebanon on 31 December 2026
UN Security Council to vote on ending peacekeeping mission in Lebanon on 31 December 2026

 

संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने गुरुवार को उस प्रस्ताव पर मतदान निर्धारित किया है, जिसके तहत दक्षिणी लेबनान में चल रहा संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन (यूएनआईफिल) 31 दिसंबर 2026 को समाप्त कर दिया जाएगा। यह मिशन पिछले चार दशकों से अधिक समय से चल रहा है।

परिषद के दो राजनयिकों ने बुधवार देर रात बताया कि अमेरिका, जो इस बल को केवल एक वर्ष के भीतर समाप्त करने की मांग कर रहा था, ने फ्रांस द्वारा तैयार मसौदे पर आपत्ति नहीं जताई। इस मसौदे में 16 महीने बाद की तारीख तय की गई है। इससे संकेत मिलता है कि प्रस्ताव पारित हो जाएगा, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि अमेरिका इसके पक्ष में मतदान करेगा या अनुपस्थित रहेगा।

पृष्ठभूमि

यूएनआईफिल (UNIFIL) की स्थापना 1978 में इजरायल द्वारा लेबनान पर हमले और वहां से सैनिकों की वापसी की निगरानी के लिए की गई थी। 2006 में इजरायल और हिज़्बुल्लाह के बीच हुए एक महीने लंबे युद्ध के बाद इसके अधिकार क्षेत्र को बढ़ाया गया था।

प्रस्ताव के अनुसार, यूएनआईफिल का कार्यकाल 2026 के अंत तक समाप्त कर दिया जाएगा और उसकी गतिविधियाँ रोक दी जाएंगी। इसके 10,800 सैन्य और असैन्य कर्मियों तथा उपकरणों की वापसी की प्रक्रिया तुरंत शुरू होगी, जिसे लेबनान सरकार के साथ परामर्श कर एक वर्ष के भीतर पूरा किया जाएगा।

मसौदे की मुख्य बातें

  • लेबनान सरकार को दक्षिणी लेबनान (ब्लू लाइन के उत्तर में) सुरक्षा की एकमात्र जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।

  • इजरायल से अपेक्षा की गई है कि वह ब्लू लाइन के उत्तर से अपने सैनिक हटा ले।

  • यूएनआईफिल के वापस लौटने की अवधि के दौरान यह बल केवल सीमित भूमिका निभाएगा—संयुक्त राष्ट्र कर्मियों की सुरक्षा, मानवीय सहायता की आपूर्ति और नागरिकों की रक्षा।

विवाद और मतभेद

यूएनआईफिल दशकों से दक्षिणी लेबनान की सुरक्षा निगरानी में अहम भूमिका निभाता रहा है, यहां तक कि पिछले वर्ष हुए इजरायल-हिज़्बुल्लाह युद्ध के दौरान भी। लेकिन इसे दोनों पक्षों और खासकर अमेरिकी सांसदों से आलोचना झेलनी पड़ी है।

पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के अधिकारी लंबे समय से इसे बंद करने की कोशिश कर रहे थे और उन्होंने इसके लिए अमेरिकी वित्तीय योगदान में भी बड़ी कटौती कर दी थी। उनका मानना था कि यह मिशन केवल हिज़्बुल्लाह के प्रभाव को खत्म करने के लक्ष्य में देरी कर रहा है और वास्तविक सुरक्षा नियंत्रण लेबनानी सेना को मिलना चाहिए।

वहीं, फ्रांस और इटली जैसे यूरोपीय देश इसके त्वरित अंत का विरोध कर रहे थे। उनका तर्क था कि यदि लेबनानी सेना सीमा क्षेत्र की पूरी सुरक्षा के लिए तैयार हुए बिना यूएनआईफिल हटा दिया गया, तो वहां हिज़्बुल्लाह आसानी से खाली जगह भर सकता है।

मसौदे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की गई है कि वह लेबनानी सशस्त्र बलों को उपकरण, सामग्री और वित्तीय सहायता देकर और अधिक मजबूत बनाए।