मलिक असगर हाशमी / नई दिल्ली
सऊदी अरब ने अपने विजन 2030 पर अमल शुरू कर दिया है. इसके तहत खाद्य और कृषि फसलों के उत्पादन , विकास एवं निर्यात पर विशेष जोर दिया जा रहा है.इस दिशा में किए जा रहे प्रयास अच्छे परिणाम देने लगे हैं. नेशनल सेंटर फॉर पाम्स एंड डेट्स और जनरल अथॉरिटी फॉर स्टैटिस्टिक्स की रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी अरब खजूर निर्यात में 107 देशों में दूसरे नंबर पर पहुंच गया है. उसे यह कामयाबी मात्र कुछ वर्षों के प्रयास से मिली है.
सऊदी अरब ने 2020 में 927 मिलियन रियाल का खजूर निर्यात किया . इसके उत्पादन में 7.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई. जबकि खजूर निर्यात में 17 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. 2020 में खजूर का उत्पादन 215,000 टन तक पहुंच गया . केवल किंगडम ने 1.5 मिलियन टन से अधिक का खजूर उत्पादन किया है. अपनी इन उपलब्धियों के साथ खजूर उत्पादक देशों में यह दूसरे स्थान पर आ गया है.
विजन 2030 के तहत सऊदी अरब विश्व स्तर पर अपने निर्यात को बढ़ाने और खेतों और कारखानों में उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार पर विशेष जोर दे रहा है. साथ ही ताड़ और खजूर के क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करके सऊदी खजूर के ब्रांड को आगे बढ़ाने जोर दे रहा है.
दूसरी ओर नेशनल सेंटर फॉर पाम्स एंड डेट्स का मानना है कि आधुनिक तकनीके इस्तेमाल से उत्पादन क्षमता और बढ़ाई जा सकती है. अभी यहां 31 मिलियन से अधिक ताड़ के पेड़ और 123,000 हेक्टेयर से अधिक कृषि जोत हैं.
ताड़ और खजूर अरब के खाद्य उद्योगों को बढ़ाने और पशुओं के भोजन, चारा का भी बेहतर इंतजाम कर रहा है. किंगडम में खजूर के कारखानों की संख्या 157 है, जिसे बढ़ाने की जरूरत है. खजूर उद्योग दुनिया के दूसरे महत्वपूर्ण उद्योगों में गिना जाता है.
सऊदी डेट्स ब्रांड को प्रोत्साहित करने के बाद से इसके पेड़ों की संख्या 1.7 मिलियन तक पहुंच गई है. अभी सऊदी अरब में खजूर के पेड़ों की संख्या 5 प्रतिश बढ़ी है, जबकि अरब सरकार ने खजूर 42 कारखानों और 24 कंपनियों का अधिग्रहण किया है. कई खेतों और कारखानों को ब्रांड में शर्तों के साथ शामिल किया गया है.
सरकार का मानना है कि खजूर के जरिए राजस्व रिकॉर्ड को बड़ा आकार दिया सकता है.