आवाज द वाॅयस/ नई दिल्ली
भारतीय वायुसेना द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर की गई सफल एयर स्ट्राइक को लेकर देशभर के मुस्लिम बुद्धिजीवियों, विद्वानों और धार्मिक नेताओं ने एकस्वर में समर्थन जताया है.उन्होंने इसे आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक कदम, मानवता की जीत और राष्ट्रीय सुरक्षा की मजबूती का प्रतीक बताया.
ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ भारत का स्पष्ट संदेश — मुफ़्ती मंज़ूर ज़ियाई
विज्ञान और कला फाउंडेशन तथा विश्व सूफी कारवां के अध्यक्ष मुफ़्ती मंज़ूर ज़ियाई ने कहा,"भारतीय वायुसेना द्वारा बीती रात एक अत्यंत संवेदनशील और साहसिक ऑपरेशन को अंजाम दिया गया.
पाकिस्तान की धरती पर मौजूद आतंकवादी ठिकानों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया गया.यह सिर्फ सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि आतंक के खिलाफ भारत की अडिग नीति का परिचायक है."
उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन उन संगठनों के खिलाफ था जो पहलगाम जैसे कायरतापूर्ण हमलों के पीछे थे.निर्दोष नागरिकों पर हमले मानवता के खिलाफ अपराध हैं और भारत की यह कार्रवाई उस सोच को जवाब देती है जो आतंक को बढ़ावा देती है.
महिला नेतृत्व का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन का नेतृत्व कर्नल सोफिया कुरैशी और एयर कमोडोर व्योमिका सिंह जैसी बहादुर महिला अधिकारियों ने किया.
यह उन सभी महिलाओं के लिए श्रद्धांजलि है जो आतंकवाद के कारण अपने प्रियजनों को खो चुकी हैं.उन्होंने कहा, "आज की भारतीय नारी सिर्फ आंसुओं की प्रतीक नहीं, बल्कि साहस, नेतृत्व और उत्तरदायित्व की मिसाल है."
आतंकवाद का इस्लाम से कोई संबंध नहीं
मुफ़्ती ज़ियाई ने यह भी कहा कि देश के मुस्लिम समाज ने इस कार्रवाई का स्वागत किया है.मुस्लिम विद्वानों और युवाओं ने स्पष्ट कहा कि आतंकवाद इस्लाम के खिलाफ है, और धर्म के नाम पर खून बहाने वाले न सिर्फ इस्लाम के, बल्कि मानवता के भी दुश्मन हैं.
सूत्रों के मुताबिक, ऑपरेशन के दौरान पूरी सावधानी बरती गई और केवल आतंकियों के ठिकानों को ही निशाना बनाया गया.किसी नागरिक या सैन्य प्रतिष्ठान को नुकसान नहीं पहुंचा। यह भारत की सैन्य परिपक्वता और वैश्विक जिम्मेदारियों को दर्शाता है.
देश को एकजुट रहना होगा — सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी
जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने आतंकवाद को मानवता का दुश्मन बताया और कहा कि देश और नागरिकों की सुरक्षा के लिए इसका पूर्ण उन्मूलन आवश्यक है.
उन्होंने कहा,"इस समय हमें एकजुट होकर इस चुनौती का सामना करना होगा.किसी भी प्रकार का सांप्रदायिक तनाव या राजनीतिक लाभ की कोशिश राष्ट्रीय हितों के विरुद्ध है."
भारत की प्रतिक्रिया न्यायोचित और जरूरी — मौलाना ज़हीर अब्बास रिज़वी
प्रमुख शिया धर्मगुरु मौलाना ज़हीर अब्बास रिज़वी ने भारत सरकार की कार्रवाई को पूरी तरह उचित और आवश्यक बताया.उन्होंने कहा,"पहलगाम जैसे जघन्य कृत्य के बाद आतंकियों को करारा जवाब देना जरूरी था। भारत ने यह दिखा दिया कि वह आतंकवाद के खिलाफ किसी भी हद तक जा सकता है."
ऑपरेशन सिंदूर, सभी आतंकी समर्थक देशों के लिए चेतावनी — नसीरुद्दीन चिश्ती
अजमेर शरीफ दरगाह के दीवान नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि भारत की ओर से दिया गया यह उत्तर न केवल वक्त की जरूरत था, बल्कि यह एक वैश्विक संदेश भी है कि अब भारत आतंक के खिलाफ चुप नहीं बैठेगा.उन्होंने ऑपरेशन के नाम को प्रतीकात्मक श्रद्धांजलि बताया — उन बहनों के लिए, जो आतंकवाद की भेंट चढ़ गईं.
अब गर्व के साथ जश्न मनाएं — डॉ. ख्वाजा इफ्तिखार
विख्यात बुद्धिजीवी डॉ. ख्वाजा इफ्तिखार ने कहा,"हमारी सेना ने दुश्मन की सीमा में घुसकर आतंकवाद के अड्डों को नष्ट किया। अब देश को गर्व के साथ अपनी सेना की वीरता का उत्सव मनाना चाहिए."उन्होंने यह भी जोड़ा, "यदि कोई अब भी 'लेकिन' या 'पर' के साथ इस पर सवाल उठाता है, तो वह राष्ट्रहित के विरुद्ध है."
एक निर्णायक क्षण
‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की सुरक्षा, एकता और नैतिक संकल्प का प्रतीक बन चुका है.यह सिर्फ जवाबी हमला नहीं, बल्कि एक दृढ़ प्रतिज्ञा है कि भारत आतंकवाद को जड़ से मिटाने के लिए हर आवश्यक कदम उठाएगा.
यह ऑपरेशन उन सभी लोगों के लिए संदेश और आशा की किरण है जो शांति, न्याय और मानवता में विश्वास रखते हैं.