मोहम्मद फरहान इसराइली/ जयपुर
जब पूरे देश में भारतीय सेना के 'ऑपरेशन सिंदूर' की गूंज है, उसी वक्त राजस्थान की राजधानी जयपुर से एक और प्रेरणादायक खबर सामने आई. यहां के शास्त्री नगर स्थित मदरसा 'जामिया तैयबा' में एक विशेष देशभक्ति कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें मदरसे के छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और स्थानीय समुदाय के लोगों ने भारतीय सेना के इस साहसिक अभियान का न केवल स्वागत किया बल्कि आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का स्पष्ट संदेश भी दिया..
कार्यक्रम की शुरुआत मदरसे के मुख्य प्रांगण में हुई, जहां देशभक्ति गीतों के साथ बच्चों ने 'हिंदुस्तान जिंदाबाद', 'भारतीय सेना अमर रहे' और 'आतंकवाद मुर्दाबाद' जैसे नारों से माहौल को जोश और गर्व से भर दिया.
छोटे-छोटे छात्रों के चेहरों पर आत्मविश्वास और गर्व की जो आभा दिखी, वह इस बात का प्रतीक थी कि राष्ट्रभक्ति की भावना हर दिल में बसती है — चाहे वह किसी भी धर्म या पृष्ठभूमि से हो.
मदरसे में यह कार्यक्रम उस पृष्ठभूमि में हुआ है, जब भारतीय सेना ने कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान के कब्ज़े वाले क्षेत्र में मौजूद नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत बड़ा सैन्य एक्शन लिया.
हमें हमारी सेना पर गर्व है: कारी मोहम्मद इसहाक
मदरसे के संचालक कारी मोहम्मद इसहाक ने 'आवाज़ द वॉइस' से बात करते हुए कहा:"हम सभी को हमारी भारतीय सेना पर गर्व है। उन्होंने आतंकियों को उनके घर में घुसकर जवाब दिया. इसने पूरे देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है.हम मदरसे के बच्चों को बचपन से ही यह सिखाते हैं कि देश सबसे पहले है."
कारी इसहाक ने यह भी बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य छात्रों में राष्ट्रीय चेतना और सुरक्षा बलों के प्रति सम्मान पैदा करना था. कार्यक्रम में छात्रों ने देशभक्ति पर आधारित कविताएं, भाषण और नुक्कड़ नाटक भी प्रस्तुत किए.
आतंकवाद का कोई मजहब नहीं: अमीन कायमखानी
इस अवसर पर राजस्थान उर्दू शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमीन कायमखानी भी मौजूद थे। उन्होंने कहा:"आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता. यह एक मानवता विरोधी अपराध है, और इसके खिलाफ आवाज़ उठाना हर भारतीय का फर्ज़ है. हम अपने छात्रों को यही सिखाते हैं कि देश की सुरक्षा और एकता सर्वोपरि है."
उन्होंने आगे कहा कि ऐसे आयोजन मुस्लिम समुदाय में देशभक्ति और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को और मज़बूत करते हैं.
एकता का संदेश: हम सब एक हैं
इस आयोजन में शामिल छात्र तौहीद, सबा, रेहान और समीना जैसे बच्चों ने जब 'जय हिंद' और 'वंदे मातरम्' के नारे लगाए, तो यह स्पष्ट हो गया कि भारत की नई पीढ़ी धर्म, भाषा या क्षेत्र से ऊपर उठकर एकजुट खड़ी है..
छात्रों का कहना था कि वे सेना के पराक्रम से प्रेरित हैं और भविष्य में वे भी देश सेवा के लिए तैयार रहेंगे — चाहे वह शिक्षा, स्वास्थ्य या सुरक्षा के किसी भी क्षेत्र में हो.
इस कार्यक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया कि राष्ट्रभक्ति किसी एक समुदाय की बपौती नहीं, बल्कि हर भारतीय की जिम्मेदारी और गर्व है.. जब एक मदरसे के बच्चे भारत माता की जय के नारे लगाते हैं, तो यह उन तमाम धारणाओं को तोड़ता है जो मुस्लिम समुदाय को राष्ट्रभक्ति से अलग दिखाने की कोशिश करते हैं..
'ऑपरेशन सिंदूर' केवल एक सैन्य अभियान नहीं, बल्कि एक राष्ट्रव्यापी चेतना का प्रतीक बनता जा रहा है — जिसमें जयपुर का यह मदरसा भी एक मज़बूत आवाज़ बनकर उभरा है.