थिम्फू (भूटान)
भूटान में 1020 मेगावाट पुनात्संगचू-द्वितीय जलविद्युत परियोजना (Punatsangchhu-II HEP) सफलतापूर्वक पूरी हो गई है। बुधवार को परियोजना की अंतिम और छठी इकाई (170 मेगावाट) को पावर ग्रिड से जोड़े जाने के साथ इसकी पूर्णता हासिल हुई। यह जानकारी भारत के भूटान स्थित दूतावास ने दी।
दूतावास ने कहा, “आज अंतिम इकाई (170 मेगावाट) के पावर ग्रिड से सिंक्रोनाइज़ होने के साथ ही 1020 मेगावाट पुनात्संगचू-द्वितीय परियोजना का सफल समापन हुआ। इस अवसर पर परियोजना के पावरहाउस में एक समारोह आयोजित किया गया।”
इस अवसर पर भूटान के प्रधानमंत्री डेशो त्शेरिंग टोबगे, ऊर्जा एवं प्राकृतिक संसाधन मंत्री ल्योनपो जेम त्शेरिंग, भारत के भूटान में राजदूत सुधाकर दलेला, भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के विशेष सचिव और वित्तीय सलाहकार अनुराग अग्रवाल, भूटान के ऊर्जा सचिव डेशो कर्मा त्शेरिंग, विदेश मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव (उत्तर) मुनु महावर, केंद्रीय जल आयोग के सदस्य (डी एंड आर) आदित्य शर्मा, परियोजना प्राधिकरण के प्रबंध निदेशक प्रकाश चंद उपाध्याय, परियोजना प्रबंधन टीम, भारत एवं भूटान सरकार के अधिकारी और WAPCOS व अन्य ठेकेदारों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
भारत और भूटान के बीच जलविद्युत क्षेत्र में लंबे समय से सहयोग जारी है। दोनों देशों ने मिलकर अब तक पाँच प्रमुख जलविद्युत परियोजनाएँ विकसित की हैं:
चुखा (336 मेगावाट)
कुरिचू (60 मेगावाट)
ताला (1020 मेगावाट)
मंगदेचू (720 मेगावाट)
पुनात्संगचू-द्वितीय (1020 मेगावाट)
इस परियोजना के पूरा होने के बाद भूटान की स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता लगभग 40% बढ़कर 3500 मेगावाट से अधिक हो गई है।
मार्च 2024 में हस्ताक्षरित भारत-भूटान ऊर्जा साझेदारी पर संयुक्त दृष्टि दस्तावेज़ के अनुरूप दोनों देश स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग को और बढ़ाने तथा नई ऊर्जा परियोजनाओं के विकास पर मिलकर काम करेंगे।