पाकिस्तान अब नैतिकता के सवाल से जूझ रहा हैः अमजद अयूब मिर्जा

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 18-02-2024
Pakistan is now struggling with the question of morality: Amjad Ayub Mirza
Pakistan is now struggling with the question of morality: Amjad Ayub Mirza

 

इस्लामाबाद. पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के निर्वासित मानवाधिकार कार्यकर्ता अमजद अयूब मिर्जा ने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान अब गंभीर संकट का सामना कर रहा है, न केवल चुनाव में धांधली को लेकर, बल्कि नैतिकता’ को लेकर भी.

मिर्जा ने शनिवार को एक वीडियो संदेश जारी किया, जिसमें रावलपिंडी डिवीजन के आयुक्त लियाकत अली चट्टा द्वारा दिए गए चुनाव धांधली के कबूलनामे पर टिप्पणी की गई. मिर्जा ने वीडियो बयान में कहा, ‘‘पाकिस्तान में चुनावों में हमेशा धांधली हुई है. सैन्य प्रतिष्ठान और पाकिस्तान के गहरे राज्य ने हमेशा चुनावों में हस्तक्षेप और हेरफेर किया है, ताकि चुनाव के नतीजे उनके पक्ष में हों. और अब हम इस स्थिति में आ गए हैं कि पूरे पाकिस्तान की विभिन्न पार्टियाँ चुनाव में धांधली को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. पाकिस्तान की कोई भी पार्टी सरकार बनाने के लिए तैयार नहीं है, क्योंकि वे सभी विपक्षी बेंच पर बैठना चाहती हैं.’’

उन्होंने आगे जोर देकर कहा कि पाकिस्तान के लिए एकमात्र रास्ता या तो पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान को सरकार सौंपना है या फिर से चुनाव कराना है. उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान एक संकट से दूसरे संकट में चला गया है, और अब एकमात्र रास्ता यह है कि या तो इमरान खान (पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री) को सरकार सौंप दी जाए, जो दावा करते हैं कि उनकी पार्टी जीत गई है. या चुनाव फिर से कराएं. यह इतना आसान नहीं हो सकता है, क्योंकि कमिश्नर के कबूलनामे के बाद अब सेना प्रमुख, मुख्य चुनाव आयुक्त और पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश की कोई विश्वसनीयता नहीं बची है.’’

पाकिस्तान में स्थिति की गंभीरता को बताते हुए अमजद अयूब मिर्जा ने आगे कहा कि उनके अनुसार, पाकिस्तान अब और भी गहरे संकट में प्रवेश कर रहा है. उन्होंने कहा कि ‘‘नवाज शरीफ (पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री) की पार्टी या पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी, वे इसमें नहीं होंगे, सरकार बनाने की स्थिति बिल्कुल भी नहीं है. और फिर जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम नेता फजल-उर-रहमान ने कुछ दिन पहले एक साक्षात्कार में कहा था कि इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को जनरल बाजवा (पूर्व सेना प्रमुख) ने बढ़ावा दिया था.’’

हालाँकि, उन्होंने कहा कि जनरल बाजवा ने इन आरोपों का खंडन किया था और पीडीएम सरकार का हिस्सा रहे एक वरिष्ठ नेता द्वारा इस तरह के आरोपों को हल्के में नहीं लिया जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, पाकिस्तान अब एक गंभीर संकट का सामना कर रहा है, न केवल चुनाव और चुनाव में धांधली को लेकर, बल्कि नैतिकता को लेकर भी. पूरे समाज को अब इस संकट का सामना करना होगा, और इससे बाहर निकलने का एकमात्र रास्ता स्वीकारोक्ति है. ऐसा मत सोचो कि यह आखिरी होने जा रहा है.’’