ह्यूस्टन
अमेरिका में रहने वाले एक भारतीय नागरिक ने फर्जी डकैती की घटनाएं रचकर अमेरिकी इमिग्रेशन लाभ दिलाने के मामले में दोषी कबूल किया है। इन घटनाओं को विभिन्न अमेरिकी राज्यों में खुदरा दुकानों पर अंजाम दिया गया था।
37 वर्षीय रामभाई पटेल, जो न्यूयॉर्क का निवासी है, ने बोस्टन की अमेरिकी जिला अदालत में न्यायाधीश मयोंग जे. जॉन के समक्ष वीजा धोखाधड़ी की साजिश का एक आरोप स्वीकार किया। मामले में सजा सुनाए जाने की तारीख 20 अगस्त तय की गई है।
अमेरिकी संघीय अभियोजकों के मुताबिक, पटेल और उसके एक सहयोगी ने मार्च 2023 से कम से कम नौ फर्जी डकैती की घटनाएं रचीं, जिनमें से पांच मैसाचुसेट्स में थीं। इन घटनाओं का मकसद ऐसा हिंसक अपराध का माहौल बनाना था, जिससे स्टोर मालिक या कर्मचारी यू वीजा (U Visa) के लिए आवेदन कर सकें। यह वीजा गंभीर अपराधों के पीड़ितों को दिया जाता है, जो जांच एजेंसियों की मदद करते हैं।
सर्विलांस फुटेज में नकली डकैत को हथियार लहराते, नकद पैसे लूटते और मौके से भागते हुए दिखाया गया। पीड़ित बने लोग, जिन्होंने पटेल को कभी-कभी 20,000 अमेरिकी डॉलर तक चुकाए थे, पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने से पहले कुछ समय का इंतजार करते थे। इसके बदले पटेल ने दुकानदारों को प्रिमाइसेस तक पहुंच की कीमत चुकाई।
अब तक दो लोगों ने फर्जी घटनाओं के आधार पर यू वीजा के लिए आवेदन किया है।पटेल को दिसंबर 2023 में गिरफ्तार किया गया था। उसके सहयोगी सिंह के 22 मई को दोषी कबूल करने की उम्मीद है।
इस अपराध के लिए अधिकतम 5 साल की जेल, 3 साल की निगरानी अवधि, और 2.5 लाख डॉलर का जुर्माना हो सकता है। सजा पूरी होने के बाद पटेल को देश से निकाला भी जा सकता है।
इस मामले की जांच एफबीआई और अमेरिकी इमिग्रेशन अधिकारियों ने की, जिसमें मैसाचुसेट्स, पेंसिल्वेनिया, केंटकी और टेनेसी की पुलिस एजेंसियों ने सहयोग किया।