तस्वीरों में : श्रीनगर की घाटियों में लहराई लाल बहार, चेरी की बंपर फसल से खिले चेहरे

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 21-05-2025
Bumper cherry crop in Kashmir: Happiness on the faces of farmers
Bumper cherry crop in Kashmir: Happiness on the faces of farmers

 

श्रीनगर से तस्वीरें और रिपोर्ट बासित जरगर
 
कश्मीर चेरी की खेती के लिए स्वर्ग बनकर उभरा है. बागवानों द्वारा शुरू की गई नई तकनीकों ने नई किस्मों को जन्म दिया है, जिन्हें उगाने में न केवल कम मेहनत लगती है, बल्कि बेहतर नतीजे भी मिलते हैं. घाटी में चेरी की कटाई एक महत्वपूर्ण फल फसल के रूप में विकसित हुई है, जिससे स्थानीय समुदाय का जीवन समृद्ध हुआ है.
 

किसान बाग में लगे पेड़ से चेरी तोड़ता हुआ

श्रीनगर के बाहरी इलाके में पैक करने से पहले एक किसान बाग में लगे पेड़ से चेरी तोड़ता हुआ. कश्मीर में चेरी के फलों की कटाई से बहुत सारे रोजगार पैदा होते हैं, क्योंकि सारा काम हाथ से करना पड़ता है. कश्मीर में इस साल चेरी की अच्छी फसल हुई है.
 
 
चेरी पैक करते किसान

श्रीनगर के बाहरी इलाके में बाग में बक्सों में चेरी पैक करते किसान. कश्मीर में चेरी के फलों की कटाई से बहुत सारे रोजगार पैदा होते हैं, क्योंकि सारा काम हाथ से करना पड़ता है. 
 
 
पैकिंग से पहले बगीचे में चेरी को प्रदर्शित करता एक किसान

श्रीनगर के बाहरी इलाके में पैकिंग से पहले बगीचे में चेरी को प्रदर्शित करता एक किसान. कश्मीर में चेरी के फलों की कटाई से बहुत सारे रोजगार पैदा होते हैं क्योंकि सारा काम हाथ से ही करना पड़ता है. 
 
 
कश्मीर को चेरी की खेती के लिए एक स्वर्ग 

कश्मीर को चेरी की खेती के लिए एक स्वर्ग कहा जाता है. इसका कारण है कश्मीर की जलवायु और मिट्टी, जो चेरी के पेड़ के लिए आदर्श हैं. इसके अतिरिक्त, चेरी की फसल से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी काफी फायदा होता है. 
 
जलवायु:
 
कश्मीर की ठंडी और नम जलवायु चेरी के लिए अनुकूल है. यहां तापमान चेरी के पेड़ों को विकसित करने के लिए पर्याप्त होता है और बारिश चेरी के विकास के लिए आवश्यक नमी प्रदान करती है. 
 
 
मिट्टी:
 
कश्मीर की मिट्टी भी चेरी के पेड़ों के लिए अच्छी है. इसमें पोषक तत्व होते हैं जो पेड़ों को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक होते हैं. 
 
आर्थिक महत्व:
 
चेरी की खेती से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता है. चेरी की फसल से किसानों को अच्छी आय भी होती है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होता है. 
 
चेरी महोत्सव:
 
कश्मीर में हर साल चेरी महोत्सव का आयोजन किया जाता है, जो चेरी की फसल के मौसम के दौरान होता है. यह महोत्सव चेरी की खेती को बढ़ावा देने और स्थानीय लोगों की आय बढ़ाने में मदद करता है according to Wanderer's Hub. 
 
चेरी उत्पादन:
 
कश्मीर में चेरी की खेती का रकबा बढ़ता जा रहा है, जिससे चेरी का उत्पादन भी बढ़ रहा है. 
 
 
अन्य फल:
 
कश्मीर में चेरी के अलावा सेब, बादाम, अखरोट और खुबानी भी उगाए जाते हैं, जो यहां की कृषि अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.