मुस्लिम अक्सरियती कजाकिस्तान में बुर्के पर पाबंदी जेरे-गौर

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 07-10-2023
Women in Kazakhstan
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अस्ताना. मुस्लिम बहुल देश कजाकिस्तान चरमपंथ से निपटने के प्रयासों के तहत सार्वजनिक स्थानों पर इस्लामिक हिजाब पहनने पर संभावित प्रतिबंध पर विचार कर रहा है. हालांकि ये रोक सिर ढकने पर नहीं, बल्कि चेहरा ढकने पर होगी. संस्कृति और सूचना मंत्री अदा बालायेवा ने अस्ताना में एक प्रेस वार्ता के दौरान संकेत दिया कि अधिकारी मौजूदा कानूनों की समीक्षा और अद्यतन कर रहे हैं. उनका मानना है कि यह धार्मिक आंदोलनों के धार्मिक उग्रवाद का मुकाबला करेंगा. आवश्यक उपकरणों की कमी है और जिसे उन्होंने ‘अपरंपरागत’ कहा है.

अदा बलाइफा ने मौजूदा कानून में एक महत्वपूर्ण अंतर पर प्रकाश डाला और कहा, मौजूदा कानूनों में ‘विनाशकारी धार्मिक संप्रदाय’ शब्द भी शामिल नहीं है. यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार इस्लामिक हेडस्कार्फ और अन्य धार्मिक पोशाक पहनने पर प्रतिबंध लगाने की योजना बना रही है, बालाइफा ने जवाब दिया, ‘‘हम निश्चित रूप से ऐसे नियमों की समीक्षा करेंगे और प्रस्ताव देंगे, कम से कम सार्वजनिक स्थानों के लिए. ऐसे कानून दुनिया भर में लागू होते हैं, क्योंकि ये राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े होते हैं.’’

सार्वजनिक स्थानों पर लोगों के चेहरे ढके होने पर उन्हें पहचानना बहुत मुश्किल हो जाता है. उन्होंने कहा, ‘‘मंत्रालय इस क्षेत्र में नियमों को मजबूत करने में सक्रिय रहेगा.’’ उन्होंने कहा कि ये उपाय गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) और धार्मिक विद्वानों सहित विशेषज्ञों के सहयोग से विकसित किए जाएंगे.

कजाकिस्तान के राष्ट्रपति कासिम जोमार्ट टोकायेव ने गुरुवार को शिक्षकों के एक समूह को संबोधित करते हुए देश के संविधान में निहित धर्मनिरपेक्षता के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने जोर देकर कहा कि इस सिद्धांत को शिक्षा सहित सभी क्षेत्रों में सख्ती से बनाए रखा जाना चाहिए

2021 की जनगणना के अनुसार, कजाकिस्तान की लगभग 65 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है, जिसमें 20 प्रतिशत रूढ़िवादी ईसाई हैं. हाल के वर्षों में, ग्रेट ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी सहित कई देशों में धार्मिक कपड़े पहनने को लेकर बहस हुई है. पिछले महीने, फ्रांस की सर्वोच्च अदालत ने स्कूलों में महिलाओं द्वारा पहनी जाने वाली इस्लामी पोशाक अबाया पर प्रतिबंध को बरकरार रखा था.

 

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