Due to efforts of PM Modi, HM Amit Shah and NSA Ajit Doval, lowest number of deaths in incidents of violence in 40 years, expenditure on security doubled
आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली
केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि हिंसा के खिलाफ सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के कारण वर्ष 2022 में पिछले 40 वर्षों में सबसे कम मौतें हुईं. पिछले नौ साल में सरकार ने सुरक्षा पर खर्च दोगुना कर दिया है.
यहां प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) को जारी एक बयान में एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों, उपमुख्यमंत्रियों और अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ नई दिल्ली में वामपंथी उग्रवाद पर एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, सरकार की जीरो-टॉलरेंस नीति के परिणामस्वरूप, पिछले चार दशकों में हिंसा और मौतों का सबसे निचला स्तर वर्ष 2022 में दर्ज किया गया.
इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजिल डोभाल भी मौजूद थे.उन्होंने कहा कि पिछले नौ वर्षों में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने सुरक्षा संबंधी व्यय (एसआरई) में पहले की तुलना में दोगुने से अधिक की वृद्धि की है.
शाह ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में पिछले कुछ वर्षों में वामपंथी उग्रवाद पर अंकुश लगाने में सफलता मिली है और अब यह लड़ाई निर्णायक चरण में पहुंच गई है.उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के दृढ़ संकल्प और वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित सभी राज्यों के सहयोग से 2022 और 2023 में इसके खिलाफ बड़ी सफलताएं हासिल की गईं.
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि यह अगले 2 वर्षों में वामपंथी उग्रवाद को खत्म करने का संकल्प लेने का वर्ष है.उन्होंने कहा कि 2019 से निर्वात क्षेत्र सिकुड़ रहे हैं और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के 195 नए शिविर स्थापित किए गए हैं, जबकि 44 और नए शिविर स्थापित किए जाएंगे.
शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ सीएपीएफ की तैनाती, विकास को तर्कसंगत बनाना और निर्वात क्षेत्रों में शिविर स्थापित करना मोदी सरकार की प्राथमिकताएं हैं.उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद से मुक्त हुए क्षेत्रों में लगातार निगरानी बनाए रखने की जरूरत है ताकि यह समस्या दोबारा वहां न पनपे.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस बात पर भी नजर रखने की जरूरत है कि जिन इलाकों से यह समस्या खत्म हो चुकी है, वहां के वामपंथी उग्रवादी दूसरे राज्यों में शरण न ले लें.उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 2014 से वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है.
2005 से 2014 की अवधि की तुलना में 2014 और 2023 के बीच वामपंथी उग्रवाद से संबंधित हिंसा में 52 प्रतिशत से अधिक, मौतों में 69 प्रतिशत, सुरक्षा बलों की मौतों में 72 प्रतिशत और नागरिक मौतों में 68 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है.
शाह ने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) वामपंथी उग्रवाद के वित्तपोषण पर हमला करने के लिए सभी राज्य एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सभी प्रभावित राज्यों को वामपंथी उग्रवाद के वित्तीय समर्थन के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए नागरिक और पुलिस प्रशासन की एक संयुक्त टीम बनाकर प्रयास करने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 2017 में वामपंथी उग्रवाद के पीड़ितों के लिए अनुग्रह राशि 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी थी और अब इसे और बढ़ाकर 40 लाख रुपये कर दिया गया है.शाह ने कहा कि मोदी सरकार वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों में विकास को गति देने के लिए कई कदम उठा रही है.
उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण, दूरसंचार, वित्तीय समावेशन, कौशल विकास और शिक्षा जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि केंद्र ने वामपंथी उग्रवाद से सबसे अधिक प्रभावित जिलों में विकास को गति देने के लिए विशेष केंद्रीय सहायता (एससीए) योजना के तहत 14,000 से अधिक परियोजनाएं शुरू की हैं.
उन्होंने कहा कि इनमें से 80 प्रतिशत से अधिक परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और योजना के तहत वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों को 3296 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं.शाह ने कहा कि विशेष बुनियादी ढांचा योजना (एसआईएस) के तहत गढ़वाले पुलिस स्टेशनों के निर्माण, राज्य की खुफिया शाखाओं और वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों के विशेष बलों को मजबूत करने के लिए 992 करोड़ रुपये की परियोजनाएं मंजूर की गई हैं.
बैठक में केंद्रीय मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजिल डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के महानिदेशक, केंद्र सरकार के सचिव, राज्यों के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक भी शामिल हुए.