आज के समय में जब कई राज्यों में मस्जिदों से लाउडस्पीकर पर अजान देना कानूनी पाबंदियों और विवादों में फंसा हुआ है, तब एक नई डिजिटल पहल "ऑनलाइन अजान ऐप" मुसलमानों के लिए राहत लेकर आई है. अब आपको अजान की आवाज़ सुनने के लिए मस्जिद के पास रहने या लाउडस्पीकर पर निर्भर रहने की ज़रूरत नहीं है.
इस ऐप के ज़रिए आप अपनी ही स्थानीय मस्जिद से अजान घर बैठे सुन सकते हैं, वो भी लाइव. इससे न केवल नमाज़ का समय पता चलता है बल्कि एक आत्मिक जुड़ाव भी बना रहता है जो आधुनिक जीवनशैली और तकनीकी युग में कहीं न कहीं कमजोर होता जा रहा था.
भारत के कई हिस्सों में शोर नियंत्रण कानूनों के चलते मस्जिदों में लाउडस्पीकर का उपयोग प्रतिबंधित हो गया है. कई जगहों पर अदालतों ने भी अजान की आवाज़ की सीमा तय कर दी है. ऐसे में बहुत से लोग, जो मस्जिद से दूर रहते हैं, समय पर अजान नहीं सुन पाते और इसका असर उनकी नमाज़ पर पड़ सकता है.
खासकर महिलाएं, बुज़ुर्ग, बीमार और वे लोग जो नौकरी या पढ़ाई की वजह से मस्जिद नहीं जा पाते, उनके लिए यह ऐप किसी नेमत से कम नहीं है.ऑनलाइन अजान ऐप को “OnlineAzan.com” द्वारा शुरू किया गया है.
इसका मकसद है कि हर मुसलमान तक उसकी स्थानीय मस्जिद से आने वाली अजान की आवाज़ सीधे मोबाइल के ज़रिए पहुंचे, वो भी बिना किसी कानूनी झंझट और लाउडस्पीकर विवाद के.
इस ऐप की मदद से अजान को लाइव सुना जा सकता है और सबसे खास बात यह है कि यह अजान रिकॉर्डेड नहीं होती, बल्कि असली समय पर दी जाने वाली अजान को लाइव स्ट्रीम किया जाता है. यह बात ऐप को अन्य अजान ऐप्स से अलग बनाती है.
इस ऐप को उपयोग करना भी बहुत आसान है. एक बार आप इसे इंस्टॉल कर लें, तो इसमें आप अपनी पसंद के अनुसार तय कर सकते हैं कि किस समय की अजान आप सुनना चाहते हैं—फज्र, जुहर, अस्र, मग़रिब या ईशा.
जब आपकी चुनी हुई नमाज़ का समय होगा, तो आपके फोन पर अपने आप अजान बजने लगेगी. इस बीच अगर आप किसी सार्वजनिक स्थान पर हैं या मीटिंग में हैं तो आप उस समय अजान को म्यूट भी कर सकते हैं. इस तरह यह ऐप आपको पूरी आज़ादी देता है कि आप कब अजान सुनें और कब नहीं.
इस पहल की सफलता के लिए ज़रूरी है कि आपकी स्थानीय मस्जिद भी इस ऐप का हिस्सा बने. मस्जिद का कोई ज़िम्मेदार व्यक्ति जैसे इमाम, ट्रस्टी या मुहल्ला समिति का सदस्य ऐप पर रजिस्ट्रेशन कर सकता है.
रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया बहुत ही आसान है—सिर्फ मोबाइल नंबर से अकाउंट बनाया जा सकता है, फिर मुअज्ज़िन का नाम और उसका मोबाइल नंबर ऐप में दर्ज करना होता है. इसके बाद मस्जिद की तरफ से तय अजान के समय को ऐप पर अपलोड किया जाता है, ताकि मुअज्ज़िन उसी तय समय पर लाइव अजान दे सके.
मुअज्ज़िन के लिए भी ऐप में दो विशेष मोड दिए गए हैं—प्रैक्टिस मोड और रियल अजान मोड. प्रैक्टिस मोड में मुअज्ज़िन पहले अजान की रिहर्सल कर सकता है. खुद सुनकर देख सकता है कि उच्चारण सही है या नहीं.
रियल अजान मोड में जब वह अजान देना शुरू करता है, तो ऐप पहले इंटरनेट कनेक्शन की पुष्टि करता है और फिर लाइव प्रसारण शुरू होता है. यह अजान उन सभी लोगों के मोबाइल पर बजने लगती है जो उस मस्जिद से जुड़े हुए होते हैं.
मस्जिद के लोग अपने जमात के सदस्यों को भी इस ऐप से जोड़ सकते हैं. उन्हें एक यूज़र आईडी दी जाती है (आमतौर पर जिसका अंत 99 से होता है) जिसे डालकर वे ऐप में लॉगिन कर सकते हैं.
इसके बाद वे तय कर सकते हैं कि दिन की किन-किन अजान को वे सुनना चाहते हैं. एक बार यह सेटिंग कर लेने के बाद, हर अजान के समय ऐप अपने आप उन्हें उनकी मस्जिद से जोड़ देता है. इससे लोगों को यह एहसास होता है कि वे अपने घर में रहते हुए भी मस्जिद से जुड़े हुए हैं.
यह तकनीकी पहल खासकर उन मुसलमानों के लिए और भी उपयोगी है जो देश या विदेश के किसी दूर इलाके में रहते हैं, लेकिन अपनी पुरानी मस्जिद से भावनात्मक रूप से जुड़े रहना चाहते हैं.
वे इस ऐप के ज़रिए अपनी उसी मस्जिद की अजान सुन सकते हैं जहाँ वे पहले जाया करते थे. इससे उनका आत्मिक जुड़ाव बरकरार रहता है, और उन्हें हर दिन यह एहसास होता है कि वे अपनी रूहानी पहचान से अलग नहीं हुए हैं.
इस ऐप का एक और बड़ा फायदा यह है कि यह सवाब (पुण्य) का माध्यम भी बन सकता है. अगर आप किसी मस्जिद को इस ऐप से जोड़ने में मदद करते हैं और सैकड़ों-हजारों लोग उस मस्जिद की अजान सुनकर नमाज़ पढ़ते हैं, तो इसका सवाब आप तक भी पहुंचता है.
इस्लाम में यह माना जाता है कि जो किसी को नेक रास्ते पर चलने में मदद करता है, उसे भी उसका हिस्सा मिलता है। इस लिहाज से यह ऐप सिर्फ एक टेक्नोलॉजी नहीं, बल्कि एक सवाब कमाने का ज़रिया भी है.
आज जब हम स्मार्टफोन और इंटरनेट की मदद से हर काम कर रहे हैं—खरीदारी से लेकर पढ़ाई और बैंकिंग तक—तो क्यों न अपने धार्मिक कर्तव्यों में भी तकनीक को शामिल करें?
ऑनलाइन अजान ऐप इसका एक उम्दा उदाहरण है, जो यह दिखाता है कि कैसे डिजिटल युग में भी आध्यात्मिकता को संजोया और फैलाया जा सकता है. यह ऐप हमें न सिर्फ नमाज़ का समय याद दिलाता है, बल्कि मस्जिद से उस आत्मिक संबंध को भी मजबूत करता है जो रोजमर्रा की भागदौड़ में कहीं खो सा गया है.
इस ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप गूगल प्ले स्टोर या ऐप स्टोर पर जाकर "Online Azan" सर्च कर सकते हैं. अधिक जानकारी या सहयोग के लिए मोबाइल नंबर 91-88380-38635 पर संपर्क किया जा सकता है.
आप चाहें तो अपनी मस्जिद की टीम को यह ऐप समझा सकते हैं, उनका रजिस्ट्रेशन करवाकर मुअज्ज़िन की लॉगिन आईडी बनवा सकते हैं और अपने पूरे मुहल्ले को एक नई सुविधा से जोड़ सकते हैं.