हरिद्वार (उत्तराखंड)
कांवड़ यात्रा के दौरान गुरुग्राम से आए कांवड़ियों ने भक्ति और आस्था का अद्भुत उदाहरण पेश किया है। इन श्रद्धालुओं ने 800 से 1000 किलो वजनी ‘गोल्डन शिव कांवड़’ को पहियों पर खींचते हुए हरिद्वार से यात्रा शुरू की है। यह विशाल कांवड़ सोनीपत में विशेष रूप से निर्मित की गई है और इसमें करीब 40 लीटर पवित्र गंगाजल भरा गया है।
कांवड़ यात्री सोनू राणा ने जानकारी दी, "यह कांवड़ सोनीपत में बनाई गई है, वजन करीब 800-1000 किलो है और इसमें 40 लीटर गंगाजल भरा हुआ है। लोग इसकी भव्यता की सराहना कर रहे हैं। हम लगभग 250 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे और यह हमारी भगवान शिव के प्रति भक्ति का प्रतीक है।"
गौरतलब है कि कांवड़ यात्रा 10 जुलाई से शुरू हो चुकी है। इस वार्षिक धार्मिक यात्रा में देशभर के शिवभक्त गंगा नदी से पवित्र जल लेकर पैदल या साधनों से लंबी दूरी तय करते हैं और उसे अपने क्षेत्र के शिव मंदिरों में चढ़ाते हैं। इस दौरान श्रद्धालु उपवास रखते हैं, पूजा-पाठ करते हैं और कठिन यात्राएं पूरी करते हैं।
इस बीच, उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा के दौरान सनातन धर्म की आड़ में लोगों को धोखा देने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ ‘ऑपरेशन कालनेमि’ शुरू किया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, "जो लोग पहचान छुपाकर लोगों को धोखा दे रहे हैं, आस्था को चोट पहुँचा रहे हैं, सनातन धर्म की छवि को नुकसान पहुँचा रहे हैं, ऐसे लोगों की पहचान की जाएगी और उनके खिलाफ अभियान चलाया जाएगा।"
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि धार्मिक रूप धारण कर लोगों विशेषकर महिलाओं को धोखा देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में कई मामले सामने आए हैं, जहाँ कुछ असामाजिक तत्व संत का वेश धारण कर अपराध कर रहे हैं और यह न केवल धार्मिक आस्था को ठेस पहुँचा रहे हैं बल्कि समाजिक सौहार्द और सनातन परंपरा की छवि को भी नुकसान पहुँचा रहे हैं।
सीएम धामी ने दैत्य कालनेमि का उदाहरण देते हुए कहा, “जिस तरह कालनेमि ने संत का रूप धारण कर लोगों को गुमराह किया था, वैसे ही आज भी समाज में कई ‘कालनेमि’ सक्रिय हैं, जो धार्मिक वेश में अपराध कर रहे हैं। ऐसे लोगों को बेनकाब कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”