ढाका में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, जन्माष्टमी की धूम पूरे बांग्लादेश में

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 16-08-2025
A huge crowd of devotees gathered in Dhaka, Janmashtami celebrated all over Bangladesh
A huge crowd of devotees gathered in Dhaka, Janmashtami celebrated all over Bangladesh

 

ढाका (बांग्लादेश)

अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (इस्कॉन) ने बांग्लादेश में तीन दिवसीय श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव की शुरुआत भव्य और धार्मिक माहौल में कर दी है। इस्कॉन के पुजारियों ने बताया कि जन्माष्टमी के अवसर पर राजधानी ढाका के स्वामीबाग स्थित मुख्य मंदिर सहित देशभर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है।

बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने हिंदू समुदाय को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दीं। अपने संदेश में उन्होंने कहा, “भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव, शुभ जन्माष्टमी, हिंदू समुदाय का एक प्रमुख धार्मिक पर्व है। भगवान कृष्ण ने अपने जीवनभर न्याय, मानवता और शांति का संदेश दिया और समाज में समानता और सौहार्द स्थापित किया।”

उन्होंने आगे कहा कि “साम्प्रदायिक सौहार्द हमारी संस्कृति की विशेष पहचान है। प्राचीन काल से ही इस देश के लोग अपने-अपने धर्म का पालन आपसी सौहार्द के साथ करते आए हैं। सामूहिक प्रयासों से हमें एक ऐसा नया बांग्लादेश बनाना है जो भेदभाव से मुक्त और सौहार्द से परिपूर्ण हो।”

श्रद्धालु इस्कॉन मंदिर में पूजा-अर्चना, भजन-कीर्तन और आरती में भाग ले रहे हैं। उत्सव के दौरान महाभिषेक (श्रीकृष्ण प्राकट्य दिवस विशेष अनुष्ठान), धार्मिक गोष्ठियां, सांस्कृतिक कार्यक्रम, कीर्तन मेला और धार्मिक नाटकों का आयोजन हो रहा है। साथ ही मेले में श्रद्धालु प्रसाद, मिठाई और उपहार भी खरीद रहे हैं।

इस्कॉन बांग्लादेश के महासचिव चारु चंद्र दास ब्रह्मचारी ने एएनआई से कहा, “भगवान श्रीकृष्ण धर्मात्माओं को आशीर्वाद दें और जो लोग बुरे मार्ग पर हैं, उन्हें सही रास्ते पर लाएं। मेरी प्रार्थना है कि इस दुनिया में जितने भी लोग हैं, सभी सुखी रहें।”

उन्होंने बताया कि उत्सव में जलाभिषेक, धार्मिक सभाएं और कीर्तन जैसी अनेक गतिविधियां होंगी जिनमें बड़ी संख्या में लोग शामिल होंगे। सुरक्षा को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार ने कड़े इंतज़ाम किए हैं। पुलिस, सेना और सलाहकार परिषद ने सुरक्षा का पूरा आश्वासन दिया है।

चारु चंद्र दास ने स्वीकार किया कि “कभी-कभी बांग्लादेश में हिंदुओं और मंदिरों पर हमले हुए हैं। हमने पीड़ित परिवारों की मदद की है और गांव-गांव, शहर-शहर जाकर उन्हें आश्वासन दिया है।” उन्होंने स्पष्ट कहा, “हम बांग्लादेश छोड़कर नहीं जाएंगे। यह हमारी जन्मभूमि है और हम यहां रहकर हिंदू समुदाय को सुरक्षा और विश्वास दिलाते रहेंगे।”