चीन पर महिला शरीर को ‘उपकरण’ की तरह इस्तेमाल करने का आरोप

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 11-10-2021
चीन पर महिला शरीर को ‘उपकरण’ की तरह इस्तेमाल करने का आरोप
चीन पर महिला शरीर को ‘उपकरण’ की तरह इस्तेमाल करने का आरोप

 

आवाज-द वॉयस / बीजिंग

चीन में महिलाओं ने देश की सरकार पर चीन में जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए महिलाओं के शरीर का उपयोग करने का आरोप लगाया है. इतना ही नहीं, चीन पर महिला के प्लेसेंटा को भोजन की तरह खाने के आरोप भी लगते रहे हैं. 

लेखक फैबियन बौसार्ट ने द टाइम्स ऑफ इजराइल में कहा कि जब शी जिनपिंग के नेतृत्व वाली सरकार ने जनसंख्या कम करने की योजना बनाई थी, तो अधिकारियों ने महिलाओं का गर्भपात कराने के लिए मजबूर किया. और अब, जब जनसंख्या वृद्धि धीमी हो गई है, तो वे गर्भपात के लिए नहीं कहते हैं.

लेखक बॉसार्ट ने कहा, चीनी महिलाओं ने इसे सोशल मीडिया पर उठाया, जब चीनी ऐप ‘वीबा’श् पर एक शीर्ष टिप्पणी में लिखा गया कि महिला शरीर ‘उपकरण’ बन गया है. जब (राज्य) चाहता है कि आप बच्चा पैदा करें, तो आपको इसे हर कीमत पर करना चाहिए. जब (राज्य) यह नहीं चाहता है, तो आपको मृत्यु के जोखिम पर भी जन्म देने की अनुमति नहीं है.

‘महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार’ के सरकार के प्रयासों के तहत जब से बीजिंग ने देश में गर्भपात की दर को कम करने की नीति पेश की है, तब से चीन के लोगों में गुस्से की भावना है.

1979में ‘एक बच्चे की नीति’ के साथ शुरू हुई चीन की जनसंख्या माप हमेशा लोगों के लिए अपमानजनक और जबरदस्त रही है.

द टाइम्स ऑफ इजराइल ने बताया, हजारों महिलाओं के या तो मरने या गंभीर चिकित्सा स्थितियों के मामले सामने आए हैं. यह अनुमान है कि चीनी सरकार ने 400मिलियन से अधिक जन्मों को ‘रोका’ था.

यह कठोर नीति 2015में समाप्त हो गई, जब चीन द्वारा ‘दो बच्चे की नीति’ को लागू किया गया और ‘जबरन गर्भपात’ समाप्त कर दिया गया.

हालांकि, नई नीति भी बुरी तरह विफल रही है, क्योंकि चीनी माता-पिता को कम वेतन पर परिवार चलाना कठिन लगता है और वे एक बच्चा पैदा करने की चाहत रखते हैं.

द टाइम्स ऑफ इजराइल ने बताया, पांच साल बाद, इस मई में, चीनी सरकार ने तीन-बाल नीति पेश की, जिससे लोगों को तीन बच्चे पैदा करने की अनुमति मिली, क्योंकि बीजिंग अब देश में तेजी से जनसंख्या वृद्धि चाहता है.

ये कदम चीन में 2020की राष्ट्रीय जनगणना को ध्यान में रखते हुए उठाए गए हैं, जिसमें पता चला है कि 16से 59वर्ष (कार्य समूह) के बीच की जनसंख्या में 2010के बाद से 40मिलियन लोगों की कमी हुई है.

लेखक बौसार्ट ने लेख में कहा, “चीन में गर्भपात का मामला विवाद का विषय है. कई दशकों तक, यह चीनी सरकार सचमुच तय कर रही थी कि कितनी महिलाओं को गर्भपात करना चाहिए. अब यह तय करने जा रहा है कि कितनी महिलाओं को गर्भपात नहीं करना चाहिए.”

इस सप्ताह एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि मानव प्लेसेंटा को चीन में अवैध रूप से बेचा जा रहा है, जिसमें इंटरनेट भी शामिल है, क्योंकि अंग के अप्रमाणित उपचार गुणों की लगातार मांग है.

प्लेसेंटा का अवैध कारोबार

द पेपर डॉट सीएन की रिपोर्ट के अनुसार चीन में लोगों द्वारा महिला का प्लेसेंटा खरीदने का अवैध कारोबार भी फल-फूल रहा है, लो प्लेसेंटा को भोजन की तरह खाते हैं.

यह अंग पारंपरिक चीनी दवा निर्माताओं को भी बेचा जाता है, जो इसे दवाओं में इस्तेमाल करते हैं.

कई लोगों द्वारा रुग्ण मानी जाने वाली यह प्रथा चीन के लिए नई नहीं है, लेकिन द पेपर डॉट सीएन की रिपोर्ट में पाया गया कि 2007 से मानव अंगों के व्यापार पर प्रतिबंध के बावजूद यह फल-फूल रहा है.

मानव उत्पाद खरीदने के सामान्य स्रोत अस्पताल, चिकित्सा अपशिष्ट उपचार संयंत्र और अंतिम संस्कार पार्लर हैं. रिपोर्ट में पाया गया है कि प्रत्येक प्लेसेंटा की कीमत लगभग 80युआन (12डॉलर) हो सकती है.

इसके बाद, जब इसे संसाधित करके दुकानों को बेचा जाता है, तो लागत कई सौ युआन तक जा सकती है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि प्लेसेंटा को कैप्सूल में संसाधित करना चीन में एक व्यवसाय बन गया है, क्योंकि कुछ लोग इसे सीधे खाने में असहज महसूस करते हैं.

एजेंसी इनपुट सहित