जकात फाउंडेशन अब अपनी बिल्डिंग में कराएगा सिविल सेवा की तैयारी

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 21-04-2024
Zakat Foundation will now prepare for civil services in its building
Zakat Foundation will now prepare for civil services in its building

 

मलिक असगर हाशमी / नई दिल्ली

जकात फाउंडेशन आॅफ इंडिया के माध्यम से जो लोग यूपीएससी सिविल सेवा की तैयारी करना चाहते हैं उनके लिए यह अच्छी खबर है. फाउंडेशन अगले सत्र से अपनी नवनिर्मित बिल्डिंग में यूपीएससी सिविल सेवा की कोचिंग कराने जा रहा है.इसका खुलासा जकात फाउंडेशन के अध्यक्ष जफर महमूद ने ‘आवाज द वाॅयस’ से बातचीत में किया. उन्होंने बताया कि बिल्डिंग लगभग 70 प्रतिशत तैयार है. बाकी का 30 प्रतिशत काम जल्द पूरा कर लिया जाएगा.

जकात फाउंडेशन अब तक प्रत्येक वर्ष टेस्ट के आधार पर चयनित यूपीएससी सिविल सेवा की तैयारी के इच्छुक 100 उम्मीदवारों को 90 प्रतिशत आर्थिक सहायता देकर देश के चुनिंदा यूपीएससी कोचिंग सेंटर में कोचिंग देने और आवासीय सुविधाएं मुहैया कराता रहा है. मगर अब यह निजाम बदलने वाला है.
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दिल्ली से तकरीबन 25 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश के डासना में जकात फाउंडेशन अपनी नई बिल्डिंग तैयार कर रहा है. यह बिल्डिंग तीन एकड़ में बन रही है.इसके बारे में जफर महमूद ने बताया कि इसके लिए उनकी मौलाना महमूद मदनी के शेखुल हिंद ट्रस्ट से समझौता हुआ है. अगले सत्र से इसमंे 200 लड़कियों और 300 लड़कों को यूपीएससी के अलावा गैर यूपीएससी प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग दी जाएगी.
 
इस बिल्डिंग में चयनित उम्मीदवारों के लिए कोचिंग के अलावा लाइब्रेरी, रिहायश सहित कई तरह की सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी. कोचिंग देने के लिए कई कोचिंग संस्थानों से समझौता हुआ है.उल्लेखनीय है कि जकात फाउंडेशन द्वारा कोचिंग दिए गए 24 उम्मीदवार इस बार के सिविल सेवा परीक्षा में कामयाब हुए हैं.
 
देशभर से इस दफा 51 मुस्लिम उम्मीदवारों को इस प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षा में कामयाबी मिली है. 2016 के बाद इतनी बड़ी संख्या में पहली बार मुस्लिम उम्मीदवार यूपीएससी सिविल सेवा के लिए चयनित हुए हैं.इतनी ज्यादा संख्या में मुस्लिम युवाओं के यूपीएससी के लिए चुने जाने के बारे मंे पूछे गए एक सवाल के जवाब में जफर महमूद ने कहा कि जितना ज्यादा संगठित होकर बच्चयों का चयन कर तैयारी कराई जाएगी, कामयाब होने वालों की संख्या उसी हिसाब से बढ़ती जाएगी.
 
उन्होंने उदाहरण देकर समझाते हुए कहा कि आजादी के बाद सिविल सेवा में मुसलमानों की कामयाबी का प्रतिशत मात्र 2.50 था. इस बार यह बढ़कर 5.1 प्रतिशत तक पहुंच गया है.जफर महमूद ने मुस्लिम अभिभावकों और विभिन्न सामाजिक संगठनों से आह्वान किया कि प्रतिभाशाली बच्चों की पहचान कर उन्हें यूपीएससी या गैर यूपीएससी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराएं.
 
उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि अधिकतर प्रतिभावान बच्चे या तो भविष्य तलाशने विदेश निकल जाते हैं या किसी प्राइवेट जाॅब में चले जाते हैं.उन्होंने कहा कि 12 वीं पास करने के बाद गैर यूपीएससी नौकरियों में अधिक संभावनाएं हैं. उन्होंने बताया कि इसमें लगभग पांच लाख नौकरियां प्रत्येक वर्ष आती हैं. बच्चों को इसके लिए तैयारी करनी चाहिए. 
 
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उन्होंने बताया जकात फाउंडेशन की ओर से यूपी के बहराइच में इसकी मुफ्त कोचिंग की व्यवस्था की गई है. तीन साल पहले ही जकात फाउंडेशन ने इसकी कोचिंग की व्यवस्था की है और अब तक 23 बच्चे इसमें कामयाब हो चुके हैं. उन्होंने बताया कि अभिभावकों का ध्यान इस ओर दिलाने के लिए वह खुद अब तक देश में 58 ओरिएंटेशन प्रोग्राम कर चुके हैं. इसके अलावा सोशल मीडिया के माध्यम से भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है.
 
जकात फाउंडेशन के अध्यक्ष जफर महमूद ने बताया कि उनका संगठन यूपीएससी की तैयारी कराने के अलावा 25 अन्य सामाजिक कार्यों को भी अंजाम दे रहा है. इसमें मजदूर के बच्चों के लिए डेयर केयर से लेकर स्काॅलरशिप प्रोग्राम शामिल भी है. फाउंडेशन अलग से ‘डी-लिमिटेशन सेल ’ भी चलाता है.
 
जफर महमूद ने खुलासा किया कि फाउंडेशन के कुछ काम जकात के दान से चलते हैं, जिसके हकदार इसके अधीन आने वाले लोग हैं. मगर कई काम ऐसे हैं जिसका लाभ आम मुसलमान उठा सकता है.