हज यात्रा में सुरक्षा व सुविधा के पुख़्ता इंतज़ाम

Story by  फिरदौस खान | Published by  [email protected] | Date 18-05-2024
Strong arrangements for security and facilities during Haj pilgrimage
Strong arrangements for security and facilities during Haj pilgrimage

 

-फ़िरदौस ख़ान

हर साल की तरह इस बार भी भारत सरकार ने हज पर जाने वाले यात्रियों की सुरक्षा और सुविधाओं का ख़ास ख़्याल रखा है. हज यात्रियों के लिए विशेष इलेक्ट्रिक गाड़ियां चलाई जा रही हैं. हवाई अड्डों पर सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है. उनके लिए चिकित्सा सुविधाओं का भी इंतज़ाम किया गया है. उन्हें हज से संबंधित पुस्तिका भी दी जा रही है, जिसमें सभी ज़रूरी जानकारी है.

इतना ही नहीं, उन्हें गाइड भी दिए जा रहे हैं ताकि उन्हें किसी भी क़िस्म की परेशानी का सामना न करना पड़े.ख़ास बात यह भी है कि देश में इन दिन लोकसभा चुनाव चल रहे हैं. इसके बावजूद सरकार ने हज की तमाम तैयारियां वक़्त पर मुकम्मल कर लीं.

आवश्यक सूचना

भारतीय हज समिति द्वारा अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर सूचना जारी की गई है-दिल्ली आरोहण से प्रस्थान करने वाले तीर्थयात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे हमारे कार्यालय 011-23230507पर आने से पहले अपने यात्रा दस्तावेज़ों के वितरण समय की पुष्टि कर लें.इसके अलावा हज हज यात्री मुम्बई स्थित हज सूचना केंद्र के दूरभाष नम्बर 022-22107070पर भी सम्पर्क कर सकते हैं.

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हज सुविधा ऐप और हज गाइड पुस्तिका

केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य, महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ज़ुबिन ईरानी ने बीते 3मार्च को विज्ञान भवन में हज सुविधा ऐप लॉन्च किया था. इसका मक़सद हज यात्रियों का मार्गदर्शन करना और उनके सफ़र को आसान व आरामदेह बनाना है.

इस मौक़े पर उन्होंने हज गाइड-2024 नामक पुस्तिका भी जारी की. उन्होंने यहां आयोजित हज की तैयारियों के तहत प्रशिक्षकों के दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया. इस कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के 550से ज़्यादा प्रशिक्षकों ने शिरकत की थी.

हज यात्री प्रशिक्षकों की संख्या बढ़ी

इस बार भारत सरकार ने हाजियों की सुविधा के लिए प्रशिक्षकों की तादाद में इज़ाफ़ा किया है. केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य, महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ज़ुबिन ईरानी ने बताया है कि प्रशिक्षण में सुधार के उद्देश्य से प्रति हज यात्री प्रशिक्षकों की संख्या पहले के एक और 300 के अनुपात से बढ़ाकर एक और 150 के अनुपात में कर दी गई है. यह भारत के तीर्थयात्रियों के लिए एक पूर्ण हज अनुभव प्रदान करने में काफ़ी मददगार सिद्ध होगा.

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हज कोटा निर्धारित

सरकार ने इस साल का हज यात्रियों का कोटा भी निर्धारित कर दिया है. बीती 7जनवरी को केन्द्री य महिला और बाल विकास और अल्पसंख्यक कार्य मंत्री स्मृीति ज़ुबिन ईरानी ने विदेश राज्यद मंत्री और संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन के साथ सउदी अरब के जेद्दा में वहां के हज और उमरा मंत्री तौफ़ीक़ बिन फ़ैज़ान अल-रबिया के साथ द्विपक्षीय हज समझौते पर हस्ताेक्षर किए थे.

इसमें इस साल के हज के लिए कुल 1,75,025 हज यात्रियों के कोटे को अंतिम रूप दिया गया था. इसमें 1,40,020 सीटें भारतीय हज समिति के ज़रिये जाने वाले हज यात्रियों के लिए आरक्षित हैं. इससे इस साल पहली बार हज करने वाले यात्रियों को फ़ायदा होगा. समझौते में 35,005 हज यात्रियों को हज ग्रुप ऑपरेटरों के ज़रिये से आगे बढ़ने की अनुमति देने की बात कही गई थी.

उड़ानें

हज यात्रियों के लिए हवाई अड्डों पर भी बुनियादी सुविधाओं का इंतज़ाम किया गया है. देश के 20शहरों से हवाई जहाज़ सरूदी अरब के लिए उड़ान भरेंगे. इनमें अहमदाबाद, औरंगाबाद, बेंगलुरु, भोपाल, कालीकट, चेन्नई, कोचीन, दिल्ली, गया, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, कन्नूर, कोलकाता, लखनऊ, मुम्बई, नागपुर, श्रीनगर और विजयवाड़ा शामिल हैं.

रिहाइश

भारत सरकार द्वारा मक्का और मदीना में हाजियों के रहने के लिए किराये पर जगह ली जाती है. ये जगहें रोज़ाना न होकर पूरे सीज़न के लिए ली जाती हैं, इसलिए ज़ायरीनों को इनका समान किराया देना होता है, भले ही वे कितने दिन भी रहें.

वहां उनकी मदद के लिए मददगार होते हैं, जो प्रदेश और केन्द्र शासित प्रदेशों की हज समितियों द्वारा चुनकर भेजे जाते हैं. हज यात्रियों की देखभाल के लिए सभी प्रदेशों और केन्द्र शासित प्रदेशों को निदेशक स्तर पर एक अधिकारी भेजने की अनुमति है. हज यात्रियों के लिए चिकित्सा सुविधाएं भी मुहैया करवाई जाती हैं.

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खाने का इंतज़ाम

हज यात्री अपना खाना ख़ुद बना सकते हैं या फिर होटल से लेकर खाना खा सकते हैं. ये उनकी अपनी पसंद पर निर्भर करता है. सऊदी अरब में बहुत से लोग हाजियों को नि:शुल्क भोजन उपलब्ध करवाते हैं. इनमें स्थानीय लोग भी शामिल होते हैं और बाहर से आने वाले लोग भी ये नेक काम करते हैं. वे खाने के अलावा अन्य सामान भी तक़सीम करते हैं, जिनमें खजूरें, पानी, क़ुरआन करीम, तस्बीह और जानमाज़ आदि शामिल हैं.     

मौत होने पर

हज यात्रा के दौरान प्राकृतिक या दुर्घटनावश किसी हज यात्री की मौत हो जाती है, तो उसे इस्लामी तरीक़े से दफ़नाया जाता है और हज के बाद उसके क़रीबी रिश्तेदारों को मृत्यु प्रमाण पत्र भेजा जाता है.

मक्का में प्रवेश के लिए परमिट ज़रूरी

सऊदी अरब हुकूमत भी हज और उमरा को आसान बनाने के लिए नियमों में कुछ न कुछ बदलाव करती रहती है. सऊदी अरब के पवित्र मक्का और मदीना में हर साल लाखों की तादाद में ज़ायरीन पहुंचते हैं. इस बार सऊदी अरब की हुकूमत ने हज यात्रा के नियमों में कुछ बदलाव किया है. इसके तहत अब हज पर जाने वाले यात्रियों को मक्का में प्रवेश करने के लिए इजाज़त लेनी होगी.

सऊदी अरब के सार्वजनिक सुरक्षा महानिदेशालय के मुताबिक़ अब मक्का में प्रवेश करने के लिए संबंधित अधिकारियों से परमिट लेना ज़रूरी होगा. बिना परमिट के मक्का की तरफ़ जाने वाले लोगों को वापस भेज दिया जाएगा. गुज़श्ता 7मई को हज और उमरा मंत्रालय ने अपने अधिकारिक एक्स हेंडल पर लिखा है कि इस बार दो पवित्र मस्जिदों में बुज़ुर्गों और विकलांगों की सहूलियत के लिए ख़ास इंतज़ाम किए गये हैं.

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हज यात्रियों के लिए नुसुक कार्ड

सऊदी अरब के हज और उमरा मंत्रालय ने नुसुक कार्ड टैग लॉन्च किया है. हज और उमरा मंत्री तौफ़ीक़ बिन फ़ैज़ान अल रबिया ने बताया कि हज के दौरान पवित्र स्थलों में हज यात्रियों के प्रवेश के लिए ये कार्ड लॉन्च किया गया है.

यह कार्ड सभी हाजियों को दिया जाएगा और इसका एक डिज़िटल वर्जन भी होगा. इसमें हाजियों की जानकारी दर्ज होगी. उन्हें हज यात्रा के दौरान इसे अपने पास रखना होगा. इसके ज़रिये अधिकारी आसानी से हज यात्री की पहचान कर सकेंगे और किसी भी फ़र्ज़ी यात्री के प्रवेश पर रोक लगाई जा सकेगी. यह नियम गुज़श्ता 4 मई से लागू हो चुका है.

नियमों के उल्लंघन पर सज़ा

सऊदी अरब में क़ानून का सख़्ती से पालन किया जाता है और क़ानून तोड़ने पर सख़्त सज़ा दी जाती है. गुज़श्ता फ़रवरी में सऊदी अरब के हज और उमरा मंत्रालय ने एक गाइडलाइन जारी की थी. इसमें चेतावनी देते हुए कहा गया था कि अगर कोई नियमों का उल्लंघन करता है तो उसके लिए कड़े दंड का प्रावधान किया गया है.

अगर कोई व्यक्ति बिना परमिट के हज यात्रा में शिरकत करता है तो उसे 50हज़ार रियाल का जुर्माना अदा करना होगा. इसके साथ ही अगर कोई हज यात्री दोषी पाया जाता है तो उसके लिए छह महीने की क़ैद का प्रावधान है.

मंत्रालय ने बच्चों को उमरा के लिए लाने वाले अभिभावकों के लिए भी गाइडलाइन जारी करते हुए कहा था कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनके बच्चे परिसर में शांति बनाए रखें. उनसे यह भी कहा गया था कि जब बच्चे एस्केलेटर का इस्तेमाल करें, तब अभिभावक उनके साथ रहें और ज़रूरत पड़ने पर सुरक्षा कर्मियों से मदद लें.

गल्फ़ न्यूज़ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल रमज़ान में उमरा करने के लिए तक़रीबन 30 लाख लोग मक्का पहुंचे थे. पिछले साल दुनियाभर से तक़रीबन 18 लाख लोग हज के लिए सऊदी अरब आए थे. इस बार यह तादाद क़रीब 20लाख हो सकती है. हाजियों की बड़ी तादाद को देखते हुए सुरक्षा के पुख़्ता इंतज़ाम किए जा रहे हैं. भारत सरकार भी इस मामले में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है.

(लेखिका शायरा, कहानीकार व पत्रकार हैं)

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