नई दिल्ली/श्रीनगर
– जम्मू-कश्मीर की वादियों में उस समय मातम पसर गया, जब मंगलवार को पहलगाम के समीप बैसारन घाटी में हुए आतंकवादी हमले में 28 निर्दोष पर्यटकों की निर्मम हत्या कर दी गई। इस घटना ने न केवल भारत को झकझोर दिया, बल्कि पूरी दुनिया को आतंक की भयावह सच्चाई से रूबरू करा दिया.
इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन TRF (द रेजिस्टेंस फ्रंट) ने ली है। मारे गए लोगों में इटली और इज़राइल के नागरिक भी शामिल हैं.
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (MRM) ने इस नृशंस हमले को “मानवता के खिलाफ सुनियोजित युद्ध” करार देते हुए कहा है कि अब समय आ गया है जब दुनिया को “पाकिस्तान-मुक्त विश्व” की दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए. मंच ने स्पष्ट किया कि यह नारा नहीं, बल्कि वैश्विक सुरक्षा की आवश्यकता है.
शाहिद सईद, मंच के राष्ट्रीय संयोजक एवं मीडिया प्रभारी ने कहा:"बैसारन घाटी में नाम पूछकर सिर में गोली मारना सिर्फ भारत नहीं, बल्कि पूरे सभ्य समाज पर हमला है. अब डिफेंसिव डिप्लोमेसी नहीं चलेगी, भारत को डिसीजन मेकिंग डिप्लोमेसी अपनानी होगी."
MRM ने पाकिस्तान की सरपरस्ती में पल रहे आतंकी संगठनों – विशेषकर लश्कर-ए-तैयबा और TRF – को "इंसानियत का दुश्मन" बताया। मंच ने कहा कि जब तक पाकिस्तान की जमीन से आतंकवाद पोषित होता रहेगा, मासूमों का खून बहता रहेगा.
शाहिद सईद ने जम्मू-कश्मीर की पूर्ववर्ती सरकारों पर भी सवाल खड़े किए, विशेषकर अब्दुल्ला परिवार की भूमिका पर. उन्होंने कहा:"राजनीतिक शह, सुरक्षा और ठेके देकर इन खूनी तंजीमों को शक्ति दी गई. कश्मीरियत के नाम पर आतंक को बढ़ावा दिया गया, यह किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है."
MRM ने कहा कि घाटी में पिछले कुछ वर्षों में बढ़ा हुआ पर्यटन और शांति का माहौल आतंकियों को नागवार गुजर रहा था। “वे नहीं चाहते कि कश्मीर मुस्कराए, वे केवल खून और खौफ में विश्वास करते हैं.”
भारत को इस हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय से समर्थन प्राप्त हुआ है. इज़राइल और इटली की सरकारों ने हमले की निंदा करते हुए भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की है.
"किसी भी देश के नागरिक पर हमला, पूरी मानवता पर हमला है," — इज़राइली प्रधानमंत्री कार्यालय.
घटना के तुरंत बाद गृहमंत्री अमित शाह श्रीनगर पहुंचे। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) हालात की निगरानी कर रहे हैं. पहलगाम और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा बलों द्वारा व्यापक सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है.
MRM ने वैश्विक समुदाय से संयुक्त राष्ट्र, OIC, यूरोपीय संघ और G20 जैसे संगठनों को दोहरे मापदंड छोड़कर पाकिस्तान को आतंक का संरक्षक घोषित करने की मांग की है। मंच ने कहा:“जब तक पाकिस्तान को वैश्विक मंचों पर जवाबदेह नहीं ठहराया जाएगा, आतंक का उद्योग फलता-फूलता रहेगा.”
मंच ने देशवासियों से अपील की है कि इस हमले को किसी मज़हब से न जोड़ा जाए। शाहिद सईद ने कहा:“आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। यह वह समय है जब हमें पंथ, जाति और विचारधारा से ऊपर उठकर एकजुट भारत के रूप में खड़ा होना है.”
MRM ने संकेत दिए कि आने वाले दिनों में भारत आतंकवाद के विरुद्ध निर्णायक रुख अपनाएगा। मंच ने कहा:“भारत अब न भूलेगा, न माफ करेगा. अब की बार आतंकी संगठनों को जड़ से खत्म किया जाएगा, और पाकिस्तान को वैश्विक मंचों पर पूरी तरह बेनकाब किया जाएगा.”