ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर जामिया में तिरंगा मार्च, ‘राष्ट्र प्रथम’ अभियान को बताया राष्ट्रीय कर्तव्य

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 14-05-2025
Tricolor march in Jamia on the success of Operation Sindoor, 'Nation First' campaign described as national duty
Tricolor march in Jamia on the success of Operation Sindoor, 'Nation First' campaign described as national duty

 

आवाज द वाॅयस/नई दिल्ली

देश में जब राष्ट्रवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर जनभावनाएं शिखर पर हैं, ऐसे समय में जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि यह विश्वविद्यालय केवल शिक्षा का केंद्र ही नहीं, बल्कि देशभक्ति और सामाजिक उत्तरदायित्व का भी प्रतीक है. उच्च शिक्षा संस्थानों और शिक्षा मंत्रालय की पहल पर आयोजित ‘राष्ट्र प्रथम के समर्थन में एक अभियान’ के तहत  विश्वविद्यालय परिसर में एक भव्य तिरंगा मार्च का आयोजन किया गया.

इस मार्च को जामिया के कुलपति प्रो. मजहर आसिफ और कुलसचिव प्रो. मोहम्मद महताब आलम रिजवी ने झंडी दिखाकर रवाना किया. मार्च की शुरुआत विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक शताब्दी द्वार से हुई और यह विश्वविद्यालय के डीन, स्टूडेंट वेलफेयर लॉन (DSW) पर समाप्त हुआ..

कुलपति प्रो. आसिफ ने कहा,“जामिया मिल्लिया इस्लामिया भारतीय सशस्त्र बलों को उनकी असाधारण बहादुरी और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के लिए सलाम करता है.

आज का यह तिरंगा मार्च हमारे बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि है और साथ ही 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भारत सरकार की संकल्पबद्धता के प्रति सम्मान का प्रतीक भी है. हम सब यहाँ ‘राष्ट्र सर्वोपरि’ की भावना को आत्मसात करने और उसे जीवन के हर क्षेत्र में लागू करने की शपथ लेने एकत्र हुए हैं.”

कुलसचिव ने ऑपरेशन सिंदूर को बताया राष्ट्रीय एकता का प्रतीक

इस अवसर पर कुलसचिव प्रो. मोहम्मद महताब आलम रिजवी ने कहा,“ऑपरेशन सिंदूर केवल सैन्य पराक्रम का परिचायक नहीं, बल्कि यह देशवासियों के उस अडिग समर्थन और प्रेम का भी प्रतीक है जो उन्होंने सरकार और सुरक्षाबलों को दिया है.

जामिया मिल्लिया इस्लामिया पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा करने वाला पहला केंद्रीय विश्वविद्यालय बना और हमने शहीदों की स्मृति में 26 पौधे रोपकर उनके परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की.”

उन्होंने आगे कहा,“आज का मार्च 'राष्ट्र प्रथम' की भावना और लोकाचार को बनाए रखने की हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है. यह विश्वविद्यालय केवल अकादमिक उत्कृष्टता के लिए नहीं, बल्कि सामाजिक और राष्ट्रीय जिम्मेदारी के निर्वहन के लिए भी जाना जाता है.”

NCC, NSS, शिक्षक, माली, सफाईकर्मी—सबने मिलाया कदम से कदम

इस ऐतिहासिक तिरंगा मार्च में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के डीन, विभागाध्यक्ष, केंद्रों के निदेशक, शिक्षकगण, अधिकारी, माली, सफाईकर्मी और प्रशासनिक कर्मचारी, सभी ने उत्साहपूर्वक भाग लिया. एनसीसी (राष्ट्रीय कैडेट कोर) और एनएसएस (राष्ट्रीय सेवा योजना) के छात्र-छात्राओं ने ‘राष्ट्र प्रथम’ अभियान को जन-जन तक पहुँचाने के लिए जोश के साथ मार्च में भाग लिया.

जामिया मिल्लिया इस्लामिया का यह तिरंगा मार्च केवल एक प्रतीकात्मक आयोजन नहीं था, बल्कि यह एक साफ़ और ज़िम्मेदार संदेश था कि देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को लेकर यह विश्वविद्यालय न केवल सजग है, बल्कि अग्रणी भूमिका निभाने को भी तत्पर है.