आवाज द वॉयस /नई दिल्ली
बुनियादी विवादों को सुलझाने के लिए कतिपय मुस्लिम देश आरएसएस की सरपरस्ती में एक चार्टर्ड मिशन डॉक्यूमेंट तैयार करेंगे, जिसके माध्यम से बिंदुवार मसले सुलझाए जाएंगे.यह निर्णय नई दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में ‘भारत और मध्य एशिया ऐतिहासिक, सांस्कृतिक व आर्थिक संपर्क विषय पर आयोजित दो दिवसीय सेमिनार में मौजूद विभिन्न मुस्लिम देशों के प्रतिनिधियों एवं आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने सामूहिक रूप से लिया.
सेमिनार का आयोजन हिमालय हिंद राष्ट्र समूह, राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच और स्कूल ऑफ लैंग्वेज लिटरेचर एंड कल्चर स्टडीज, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में किया गया.संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में दर्जन भर मुस्लिम देशों के डिप्लोमेट्स, उच्चायुक्त, स्कॉलर्स और बुद्धिजीवियों ने शिरकत की.
उनमें ईरान से इराज इलाही, तुर्की से फिरत सोनल, ताजिकिस्तान से लुकमान बाबा कोला देह, कजाकिस्तान से नूरलान जाल गैस बेव और हबीबुल्ला मिर्जोजोदा, किर्गिस्तान से आसीन ईसाएव, उज्बेकिस्तान से दिलसोद अख्तोव और अजीज बरतौन, तुर्कमेनिस्तान से शालर गेल्डीनजारव, मंगोलिया से गैनबोल्ड दंबजाव, आर्मेनिया से आर्मेन मार्टिरोस्यन, अफगानिस्तान से फरीद मामुंडजै और अजरेबाईजान से अशरफ शिखलियेव प्रमुख हैं. वक्ताओं में इराज इलाही, दरखन सेतनोव, हबीबुल्लो मिर्जो जोदा, अजीज बरतोव और इज्जेंदर अटालियेव मुख्य तौर पर रहे.
सभी ने माना कि भारत हमारा बड़ा भाई है. वह आगे बढ़ कर विश्व गुरू की भूमिका निभाए. इस पर इंद्रेश कुमार ने स्पष्ट किया कि हमारी वसुधैव कुटुंबकम् की संकल्पना सभी को परिवार मानकर चलने की है. भारत विविधताओं से भरा देश है.
विजन डॉक्यूमेंट पर सहमति
विभिन्न देशों के राजदूतों, उच्चायुक्तों और 50से अधिक आए हुए प्रतिनिधियों की मांग पर संघ नेता इंद्रेश कुमार के नेतृत्व में चार्टर्ड मिशन डॉक्यूमेंट जिसे विजन डॉक्यूमेंट भी कहा जाएगा, तैयार करने का निर्णय लिया. संघ नेता ने भी प्रस्ताव सहर्ष स्वीकार करते हुए मिशन डॉक्यूमेंट तैयार करने पर हामी भरी. दो दिनों की चर्चा और गहन मंथन में सभी विवादास्पद मुद्दे रखे गए.
सेमिनार में केंद्रीय राज्य मंत्री डॉक्टर सुभाष सरकार और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा, इंदिरा गांधी कला केंद्र के सचिव प्रो. सचिदानंद जोशी, राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के महामंत्री गोलोक बिहारी और अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के संयोजक जामिया मिलिया इस्लामिया से प्रो. एम महताब आलम रिजवी भी मौजूद थे.
कोई काफिर नहीं
इस अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में काफिर कहे जाने का मुद्दा उठा . संघ नेता इंद्रेश कुमार के नेतृत्व में इसको लेकर एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें कहा गया- ऑल आर बिलिवर, नो बॉडी इज नॉन बिलिवार, अॉलदो बिलीव मेय डिफर्स अर्थात हर कोई ईश्वर को मानने वाला है, तरीका अलग हो सकता है, पर कोई काफिर नहीं है. सेमिनार में सभी इस पर सहमत थे कि कोई किसी को काफिर कहता है तो सभी देश उसका विरोध करेंगे.
आतंकवाद पर एकजुट
दो दिवसीय सम्मेलन में आतंकवाद पर भी गहन मंथन हुआ. सभी देशों ने इसके खिलाफ मुखर होकर अपनी बातें रखीं. आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने आतंकवाद को शांति, विकास, सद्भाव और मानवता का दुश्मन बताया.
उन्होंने कहा कि किसी भी सभ्य समाज में आतंकवाद, माओवाद, नक्सलवाद जैसे से असमाजिक संगठनों के लिए कोई जगह नहीं. सभी इसका घनघोर विरोध कर. विदेशी प्रतिनिधियों ने इसे अपने देशों में पनपने नहीं देने का वचन दिया .
सेमिनार में धर्म, धर्मग्रंथ, धर्मस्थल, धार्मिक महत्व, धार्मिक महापुरुष अर्थात देवी, देवता, नबी, पैगंबर की आलोचना करने और इसके नाम पर हिंसा- अराजकता पैदा करने की निंदनीय है. लोगों से अपील की गई कि दूसरे धर्मों का अपमान की बजाए शांति, एकता, भाईचारे और सौहार्द को महत्व दें.
सेमिनार में राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के मुख्य संरक्षक ने विश्व शांति और विकास के लिए धर्मांतरण पर रोक की जरूरी बताया. संघ नेता ने कार्यक्रम में मौजूद मुस्लिम देशों के प्रतिनिधियों से धर्मांतरण के खिलाफ एकजुटता दिखाने का अनुरोध किया.
सभी देशों ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी कि मौजूद सभी देश आपस में सहयोग और समन्वय बढ़ाएंगे. इंद्रेश कुमार ने आपसी संवाद, कला, शिक्षा, साहित्य, संस्कृति और व्यापार में वृद्धि पर जोर दिया. सेमिनार में डिजिटल का सही कामों के लिए अधिक से अधिक इस्तेमाल करने पर जोर दिया .
सेमिनार के अंतिम चरण में विभिन्न देशों के राजदूतों, उच्चायुक्तों, प्रतिनिधियों और बुद्धिजीवियों ने एक सुर में नारा लगाया-अंधकार मिटाएं, प्रकाश लाएंगे, आवाज दो हम एक हैं.सेमिनार में विशिष्ट अतिथि के तौर पर जेएनयू के डीन प्रो. मजहर आसिफ, आर.डी.एफ.आई.एच. के निदेशक महेश चंद्र शर्मा, लेफ्टिनेंट जनरल सेवानिवृत्त आर. एन. सिंह, सेवानिवृत मेजर जनरल एस भट्टाचार्य भी मौजूद रहे.